प्रेग्नेंसी में कोल्ड ड्रिंक का सेवन बच्चे में बढ़ाता है इस बीमारी के चांस


 
 सॉफ्ट ड्रिंक आजकल लोगों के लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गया है। घर आए मेहमानों को जब तक कोल्ड ड्रिंक सर्व न की जाए तो मेहमानबाजी अधूरी समझी जाती है। वहीं, प्रेग्नेंसी जैसी अवस्था में भी कुछ महिलाए जम कर सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे होने वाले बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इस तरह की ड्रिंक्स में मीठा बहुत ज्यादा होता है जो मोटापा और डायबिटीज की परेशानी का खतरा बढ़ देता है। 
बच्चा हो सकता है मोटापे का शिकार
एक शोध के अनुसार प्रेग्नेंसी के समय मीठे पेयपदार्थ के सेवन से होने वाले बच्चे में  मोटापे की परेशानी हो सकती है। कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनीटोबा के मुख्य लेखक मेघन आजाद के अनुसार, 'प्रेग्नेंसी के दौरान कृत्रिम मीठे पेय पदार्थों की खपत शिशु के वजन परिवर्तन से जुड़ी हुई है।' इस अध्ययन में 3,033 मां-शिशु की जोड़ी को शामिल किया गया, जिसमें पाया गया कि गर्भावस्था में पेय पदार्थों का ज्यादा सेवन शिशु के बॉडी मास इंडेक्स को असर पड़ता है।
मोटापे को दोगुने जोखिम की संभावना
अमेरिकी पत्रिका जेएएमए पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित इस शोध के बारे में यह बात सामने आई कि 30 प्रतिशत महिलाओं ने सॉफ्ट ड्रिंक और चाय-कॉफी के सेवन की बात स्वीकार की। नतीजा सामने आया कि पहले साल में उनके बच्चे में मोटापे के दोगुने जोखिम की संभावना बढ़ गई।
प्रेग्नेंसी में कोल्ड ड्रिंक का सेवन बच्चे में बढ़ाता है इस बीमारी के चांस
बच्चे में मोटापे के कारण होने वाली बीमारियां
डायबिटीज टाइप 1
बच्चे में बढ़ता मोटापा टाइप 1 डायबिटीज का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। जिससे छोटी उम्र में ही उसे कई खाद्य पदार्थों से दूरी बनानी पड़ती है।
दिल की बीमारियां
मोटापा कई तरह के रोगों का कारण बनता है। इससे दिल से जुड़े रोग होने की संभावना भी बढ़ने लगती है।
अनिद्रा
ओवरवेट होने के कारण बच्चे को अनिद्रा की परेशानी से भी हो सकती है। प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण हाई ब्लड प्रैशर की समस्या भी बच्चे को घेरने लगती है।
तनाव
सेहत से जुड़ी समस्या होने के कारण बच्चा हमेशा तनाव में रहने लगता है। इसके कारण बच्चा किसी एक्टिविटी में हिस्सा भी नहीं ले पाता

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