नई दिल्ली .। भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है। भारतीय वायु सेना के पायलट शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सफलतापूर्वक कदम रखकर ऐसा करने वाले भारत के दूसरे व्यक्ति और पहले भारतीय बन गए, जिन्होंने आईएसएस तक की यात्रा की। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा सोवियत संघ के सल्युत-7 स्पेस स्टेशन पर आठ दिन रहे थे। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु के अलावा पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्रियों ने भी 40 वर्षों से भी अधिक समय बाद एक नया इतिहास रचते हुए आईएसस में प्रवेश किया है। यह यात्रा अमेरिका की प्राइवेट अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स द्वारा संचालित एक चार्टर्ड मिशन के तहत हुई है।
आईएसएस में गर्मजोशी से स्वागत
28 घंटे की उड़ान के बाद शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम का आईएसएस में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। आईएसएस में उनका वेलकम इस समय रह रहे सात अंतरिक्ष यात्रियों ने किया। इनमें तीन नासा से हैं और एक जापान से और तीन रूसी अंतरिक्ष यात्री हैं।
राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में भारत का दूसरा बेटा
39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा सोवियत संघ के सल्युत-7 स्पेस स्टेशन पर आठ दिन रहे थे। इस तरह से शुक्ला आईएसएस पर पहुंचने वाले पहले भारतयी हैं और ऐसा करने वाले पहले निजी मिशन यात्री भी हैं।
शुभांशु ने अंतरिक्ष से भेजा संदेश
आईएसएस पहुंचने से पहले शुभांशु ने अंतरिक्ष से एक संदेश भेजा। उन्होंने माइक्रोग्रैविटी में खुद को ढालने को "एक शिशु की तरह फिर से जीना सीखने जैसा बताया और अंतरिक्ष में तैरने के अनुभव को अद्भुत करार दिया।