-इन्फेक्शन के चलते खाने-पीने में आ रही दिक्कतें
-बिना टिकट रेलवे-प्लेटफॉर्म पर घुसे फॉरेस्ट अधिकारी, कटा चालान
-बाघिन को हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस से रवाना किया जाएगा
रायपुर । जंगल सफारी की बाघिन 'बिजली को स्वास्थ्य समस्याओं के चलते गुजरात के वनतारा शिफ्ट किया जा रहा है। बाघिन को हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस से शाम को रवाना किया जाएगा। इस बीच बिना रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट लिए ही अंदर आए फॉरेस्ट अधिकारी का चालान काट दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार, बाघिन बिजली को इन्फेक्शन है। हाल के दिनों में उसे खाने-पीने में दिक्कतें आ रही थीं। एक महीने बेहतर इलाज और देखरेख के लिए उसे वनतारा भेजने का निर्णय लिया गया है। बाघिन को लेने के लिए वनतारा की विशेष टीम रायपुर पहुंची थी। इस दौरान जंगल सफारी का पूरा स्टाफ, रेलवे और वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर मौजूद है।
फॉरेस्ट अधिकारियों का कटा चालान
वहीं, सभी फॉरेस्ट अधिकारी बिना रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट लिए ही अंदर चले गए। जिसके बाद उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। जबकि रेलवे के सहयोग से ही बाघिन को शिफ्ट किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बाघिन को रेलवे स्टेशन पर दिखाया नहीं गया। इस बात से रेलवे के कर्मचारी नाराज थे। इसी के चलते यह कार्रवाई करने का आदेश रेलवे मजिस्ट्रेट ने दिया है।
यूट्रस और ओरल में इन्फेक्शन- वन मंत्री
इस मामले में वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि, बाघिन बिजली 8 साल की है। जंगल सफारी में पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थी। यूट्रस और ओरल में इन्फेक्शन है। इसलिए बेहतर इलाज के लिए ट्रेन से वनतारा भेजा जा रहा है। जहां एक महीने तक इलाज चलेगा।
वनतारा भेजे गए सफेद भालू-हिरण लौटाने की उठी थी मांग
चिरमिरी से मिले सफेद भालू और हिरण को अप्रैल 2025 में वनतारा वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर भेजा गया था। भालू और हिरण देकर छत्तीसगढ़ वन विभाग के अफसर ज़ेब्रा जोड़ा, माउस डियर और मीर कैट लाए थे। इन वन्य प्राणियों को क्वारेंटाइन किया गया था और आने वाले दिनों में पर्यटकों को दिखाना था। क्वारेंटाइन के बीच नर ज़ेब्रा को सांप ने काट लिया और उसकी मौत हो गई। मादा ज़ेब्रा, मीर कैट और माउस डियर अभी भी क्वारेंटाइन में हैं और पर्यटकों के सामने उन्हें अभी नहीं लाया गया है। जेब्रा और जिराफ जैसे वन्य प्राणी आने की उम्मीद में जंगल सफारी में 12 करोड़ रुपए बाड़ा बनाने में खर्च कर दिए गए। जू में 32 बाड़े हैं। इनमें नए बने 8 खाली हैं। पिछली सरकार में इन्हें बनाने की मंजूरी दी। इनमें विदेशी वन्य प्राणियों को रखा जाएगा। इसलिए सेंट्रल जू अथॉरिटी को जेब्रा, जिराफ जैसे प्राणियों के हिसाब से बाड़े का डिजाइन भेजा गया।
24 घंटे में मिली विशेष रेलवे कोच की मंजूरी
घायल बाघिन को इलाज के लिए गुजरात भेजने के लिए वन विभाग ने केंद्र सरकार से विशेष रेलवे कोच की अनुमति मांगी थी। जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र ने 24 घंटे में मंजूरी दे दी थी। इसके बाद रेलवे के अधिकारियों की टीम ने बाघिन के लिए विशेष व्यवस्था करते हुए कोच को अनुकूल बनाया।साथ ही यात्रा के दौरान डॉक्टरों के बैठने के लिए भी व्यवस्था की है।