नक्सलियों के आधार कहे जाने वाले इलाके में मोबाइल टावर स्थापित
बीजापुर। जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सुदूर ग्राम कोरचोली में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा अब बहाल हो गई है। पहले इन इलाकों में नक्सलियों के प्रभाव और आधार इलाके के रूप में कुख्यात होने के साथ ही यहां के लोगों को मोबाइल फोन रखने को नक्सलियों ने प्रतिबंध लगा रखा था। सुरक्षा बलों के लगातार सफलता के साथ ही अंदरूनी इलाकों में स्थापित होने वाले सुरक्षा कैंप से अब तस्वीर बदलती नजर आ रही है। 26 मई, 2025 को यहां एक नया मोबाइल टावर शुरू किया गया है, जिससे कोरचोली के साथ-साथ तोड़का, सावनार और मुनगा जैसे आसपास के गांवों के ग्रामीणों को भी संचार का लाभ मिलेगा।
ग्रामीणों को मिली संचार की सौगात
यह सुविधा छत्तीसगढ़ शासन की "नियद नेल्ला नार" योजना और केंद्र की "यूएसओएफ" (यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड) योजना के तहत शुरू की गई है। मोबाइल टावर लगने से अब ग्रामीण आसानी से अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों से संपर्क कर सकेंगे, जिससे उनकी दैनिक जीवन में बड़ी सुविधा मिलेगी।
शिक्षा और विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस मजबूत नेटवर्क और इंटरनेट सुविधा से ग्रामीण अंचल के छात्रों को विशेष लाभ मिलेगा, खासकर उन युवाओं को जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन द्वारा उठाया गया यह कदम क्षेत्र में सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था, खाद्यान्न आपूर्ति, पानी, बिजली और परिवहन की सुविधा के साथ-साथ संचार को भी बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
डिजिटल भारत की ओर एक कदम
वर्तमान समय में मोबाइल और इंटरनेट की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए, इस क्षेत्र में संचार को मजबूत करने के लिए मोबाइल टावर की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल क्षेत्र के लोगों को बेहतर संचार सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें देश-विदेश से भी जोड़ेगा। इसके अतिरिक्त, यह कदम क्षेत्र के समग्र विकास में भी सहायक सिद्ध होगा।
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