मुरली श्रीशंकर ने रचा इतिहास; विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने


नई दिल्ली। भारत के मुरली श्रीशंकर ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने का सम्मान जीता। उन्होंने ऐसा कारनामा करने वाले पहले पुरुष भारतीय खिलाड़ी बनकर एक नया इतिहास रच दिया। पुरुषों के लॉन्ग जम्पर मुरली श्रीशंकर ने भारत का नाम ऊंचा करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया। 

इससे पहले 3,000 मीटर स्टीपलचेज धावक अविनाश साबले भी प्रतियोगिता के पहले दिन उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन कर फाइनल में पहुंचे थे। सीजन के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों की सूची में दूसरे स्थान पर काबिज श्रीशंकर ग्रुप बी क्वालीफायर में दूसरे और लॉन्ग जंप में कुल आठ मीटर के साथ सातवें स्थान पर रहे।

अंजू बॉबी जॉर्ज विश्व चैंपियनशिप लंबी कूद के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय थीं। वह 2003 में पेरिस में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय भी हैं। अब श्रीशंकर ने इस समूह में यह इतिहास रच दिया है। 

दो अन्य भारतीय जेस्विन एल्ड्रिन (7.79 मीटर) और मोहम्मद अनीस याहिया (7.73 मीटर) फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे। वे ग्रुप ए क्वालीफाइंग में क्रमश: नौवें और 11वें स्थान पर रहे। इस इवेंट में 8.15 मीटर या दोनों ग्रुप के सर्वश्रेष्ठ 12 खिलाडिय़ों ने रविवार को फाइनल के लिए क्वालीफाई किया है।

श्रीशंकर ने ऐसे मारा फाइनल में-

फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए 8.15 मीटर की एक स्वचालित योग्यता (डिफ़ॉल्ट योग्यता) थी। श्रीशंकर उस दूरी तक नहीं पहुंच सके लेकिन फाइनल में पहुंचने वाले शीर्ष 12 खिलाडिय़ों में शामिल हो गए। अप्रैल में 8.36 मीटर, उसके बाद ग्रीस में 8.31 मीटर। और राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैंपियनशिप में 8.23 मी. इसी तरह कूदकर 23 वर्षीय श्रीशंकर ने लगातार प्रदर्शन किया।

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