जुलाई में 23 लाख पीपीई किट का किया गया निर्यात


नई दिल्ली। कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के शुरुआती चरण में अधिकतर मेडिकल आपूर्ति के लिए आयात पर निर्भर भारत ने आपदा को अवसर में बदलते हुए तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया जिसके दम पर जुलाई में 23 लाख पीपीई किट पांच देशों को निर्यात किये गये। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी कि मेडिकल आपूर्ति के संदर्भ में देश आत्मनिर्भर बना और उसने जुलाई में अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, सेनेगल और स्लोवानिया को 23 लाख पीपीई किट निर्यात किये। इससे पीपीई किट के वैश्विक बाजार में भारत को एक मजबूत जगह मिली है। मंत्रालय के मुताबिक आत्मनिर्भर अभियान के तहत मेड इन इंडिया को बढ़ावा देने से कईं प्रकार की मेडिकल आपूर्ति के क्षेत्र में देश अब खुद सक्षम बन गया है। केंद्र सरकार ने कोरोना के खिलाफ जंग में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मदद के लिए मार्च से अगस्त तक 1.28 करोड़ स्वदेश निर्मित पीपीई किट निशुल्क वितरित किये हैं। इसी अवधि में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने राज्य के बजट से 1.40 करोड स्वदेश निर्मित पीपीई किट की खरीद की है।
कोराना महामारी के शुरुआती चरण में एन95 मास्क, पीपीई किट और वेंटिलटर सहित सभी प्रकार की मेडिकल आपूर्ति की वैश्विक बाजार में किल्लत हो गयी थी। उस वक्त देश में अधिकतर उत्पाद निर्मित नहीं होते थे और जिनका निर्माण यहां होता भी था उसके पुर्जे आयातित होते थे। बढ़ती वैश्विक मांग के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मेडिकल आपूर्ति की भारी कमी हो गयी, जिसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अन्य मंत्रालयों के साथ मेडिकल उपकरणों तथा उत्पादों के घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित किया। घरेलू उत्पादन क्षमता की मजबूती और घरेलू जरूरतों को पूर्ति को देखकर विदेश व्यापार महानिदेशक ने जुलाई में मेडिकल आपूर्ति के निर्यात को मंजूरी दी और इसी के बाद मात्र एक माह के अंदर भारत ने विदेशों बाजार में 23 लाख पीपीई किट की आपूर्ति की।

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