किसानों ने कहा कोरोना संकट में राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिला बड़ा सहारा


मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों से लिया फीडबेक

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज 'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' के शुभारंभ के अवसर पर सूरजपुर जिले के महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों, धमतरी जिले के दुगली ग्राम के ग्रामीणों, दंतेवाड़ा जिले की महिलाओं, कबीरधाम जिले के गन्ना उत्पादक किसानों और दुर्ग जिले के धान उत्पादक किसानों से चर्चा की। बघेल ने इन लोगों से राजीव गांधी किसान न्याय योजना सहित राज्य सरकार की लघु वनोपज संग्रहण और प्रसंस्करण योजना, सुपोषण अभियान, हाट बाजार योजना के संबंध में   फीडबेक लिया।
    दुर्ग जिले के धमधा के धान उत्पादक किसानों ने मुख्यमंत्री बघेल से चर्चा के दौरान कहा कि कोरोना संकट के चलते वर्तमान समय में किसानों की जेब खाली है। इस कठिन दौर में राज्य सरकार किसानों को प्रोत्साहन राशि और आदान सहायता राशि दे रही है, इससे किसानों को काफी सहारा मिला है। किसानों में राज्य सरकार के इस निर्णय से खुशी है। धान उत्पादक किसान संतोष कुमार राणा ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस वर्ष किसानों के खाते में अब तक तीन बार धान का समर्थन मूल्य, फसल बीमा योजना की राशि के बाद अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना में पैसा आया है। राणा ने बताया कि आज इस योजना में उनके खाते में 34 हजार 800 रूपए की राशि आई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि धमधा क्षेत्र में किसान केला, पपीता, टमाटर जैसी फसलों की बड़े पैमाने पर खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि जिले में कुछ स्थानों पर फूडप्रोसेसिंग प्लांट लगने वाला है, इससे भी किसानों को फायदा होगा। श्रीमती सुनीता गुप्ता ने किसान न्याय योजना के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि इस योजना ने किसानों के लिए कोरोना संकट में राहत का काम किया है। किसानों की कर्ज माफी के बाद फसल बीमा, समर्थन मूल्य धान खरीदी और अब न्याय योजना की राशि मिलने से क्षेत्र के किसान बहुत खुश है।
    कवर्धा के गन्ना उत्पादक किसानों ने भी इस योजना के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रोत्साहन राशि मिलाकर इस बार किसानों को गन्ने का प्रति क्विंटल 355 रूपए रेट मिलेगा साथ ही बोनस भी मिलेगा। सरकार के इस फैसले से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। किसानों में राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रसन्नता है। शिव कुमार चंद्रवंशी ने कहा कि धान का 2500 रूपए प्रति क्विंटल धाम मिलने से किसानों को फायदा हुआ है।
    सूरजपुर महिलाओं द्वारा ट्राइबल मार्ट का संचालन किया जा रहा है। लॉकडाउन के अवधि में घर-घर ई-रिक्शा के माध्यम से सामग्री पहुंचाई जा रही है। महिला ट्राइबल मार्ट से अब तक लाखों रूपए का मुनाफा हुआ है। मुख्यमंत्री ने महिलाओं से पूछा कि क्या इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाना चाहिए तो महिलाओं ने इस पर सहमति दी।
    धमतरी जिले के दुगली के ग्रामीणों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री बघेल को श्रीमती लता मरकाम ने बताया कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का ऐतिहासिक आगमन उनके ग्राम दुगली में 14 जुलाई 1985 को हुआ था, जहां पर उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजाति कमार की बस्ती में जाकर मडिय़ा पेज और करू कांदा का स्वाद भी चखा था। उस चिरस्मरणीय पल को ग्रामीण आज भी याद कर गौरवान्वित महसूस करते हैं। ग्राम जबर्रा से आए युवक माधव सिंह नेताम ने कहा- 'आपके द्वारा ग्राम जबर्रा को ईको-टूरिज्म' क्षेत्र घोषित करने के बाद ग्रामीणों की आजीविका का ठोस जरिया मिला है। पहली बार 5352 हेक्टेयर जंगल का सामुदायिक वन अधिकार प्रदान किया गया है।     मुख्यमंत्री बघेल को माधव सिंह नेताम ने बताया कि उनके ग्राम जबर्रा में देश और विदेश के एक हजार से अधिक सैलानी आकर यहां रूक चुके हैं, जिनमें पोलैण्ड, न्यूजीलैण्ड और आस्ट्रेलिया जैसे विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। ग्राम पंचायत देवगांव के आश्रित ग्राम मुनईकेरा निवासी श्रीमती नीरा मरकाम ने मुख्यमंत्री बघेल को बताया कि दुगली में संचालित लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र से 2524 महिलाएं जुड़कर स्वावलम्बी बनी है। यहां पर आंवला, तिखुर पावडर, शहद प्रसंस्करण के अलावा त्रिफला चूर्ण, दोना-पत्तल आदि का निर्माण समूह की महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 10 लाख रूपए की आमदनी समूह की दीदियों को प्राप्त हो चुकी है।
    दन्तेवाड़ा जिले के दूरस्थ कटेकल्याण ब्लॉक के वनोपज संग्रहण कार्य में जुड़ी महिला समूह की सदस्य सुरेखा ने बताया कि पहली बार हमें वनोपज खरीदी करने का मौका मिला। पहले संग्राहक साप्ताहिक हाट-बाजार में व्यापारियों को कम दाम में अपना वनोपज बेचते थे, लेकिन अब सरकार की पहल से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी होने के फलस्वरूप इन संग्राहकों को वाजिब दाम मिल रहा है। सुरेखा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जिले के महिला स्व-सहायता समूहों को वनोपज की खरीदी से 7 लाख रूपये का फायदा मिला है। अभी महिला समूहों की सदस्य महिलाएं इमली प्रसंस्करण कार्य में लगी हुई हैं। जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा होगा। इस मौके पर दन्तेवाड़ा ब्लॉक के बालपेट निवासी भीमबती नाग सुपोषण अभियान के बारे में बताया कि इस अभियान शुरू होने के बाद कुपोषण की दर में करीब 6 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। इस दौरान गीदम ब्लॉक के समलूर निवासी उमेश्वरी ठाकुर ने बताया कि हाट-बाजार क्लीनिक योजना के माध्यम से दूरस्थ ईलाके के ग्रामीणों को स्वास्थ जांच और उपचार की सुविधा समीपस्थ हाट-बाजार में ही उपलब्ध हो रही है।

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