महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग खुद ठाकरे करें:पाटिल


कोल्हापुर। महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सुझाव दिया कि कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में पूरी तरह विफल होने के बाद उन्हें खुद राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग करनी चाहिए। पाटिल ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) जो महा विकास अघाड़ी सरकार में शामिल है, के अध्यक्ष शरद पवार अस्पतालों का दौरा कर रहे हैं और ठाकरे को राज्य में कोरोना बीमारी को लेकर सुझाव दे रहे थे। राकांपा अध्यक्ष की ओर से ऐसा अपमान कराने से पहले ठाकरे को चाहिए कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करें। पाटिल ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन की ठाकरे की मांग पर मोदी उनकी मांग को स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि वे (मोदी) लोकतंत्र को प्यार करते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि ठाकरे ने मुंबई समेत किसी भी अस्पताल का दौरा नहीं किया। राज्य के अस्पतालों का दौरा नहीं कर सकते थे क्योंकि वे स्वयं अपने निवास में क्वारंटीन में थे। उन्होंने राज्य में कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए किये जा रहे प्रयासों में मंत्रियों, विधायकों, सांसदों को भी शामिल नहीं किया, जिसके परिणाम स्वरूप राज्य में आपदा की रोकथाम का काम सही ढंग से नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मोदी कोरोना वायरस की जांच के लिए राज्य को अब तक कुल 2038 करोड़ रुपये की मंजूरी दे चुके हैं। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के नेताओं ने पीएम केयर्स फंड को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की है। इन नेताओं को मुख्यमंत्री राहत कोष का हिसाब देना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जो मजदूर ट्रेन या बस से गये हैं, उनसे किराया वसूला गया, जबकि केंद्र सरकार ने किराया के लिए 85 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा और 15 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा वहन करने का निर्णय लिया था।

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