सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कई कविताओं का उल्लेख किया

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपने बजट भाषण में महाकवि कालिदास से लेकर तमिल के महान कवि तिरुवल्लुवर और साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त कश्मीरी कवि पंडित दीनानाथ कौल की रचनाओं का जिक्र किया। श्रीमती सीतारमण ने बजट की थीम का जिक्र करते हुए कहा कि महत्वाकांक्षी भारत आर्थिक विकास और संरक्षण भारत फूलों के गुच्छे का फूल है। इसके बाद उन्होंने पंडित दीनानाथ कौल की पंक्तियों के हिंदी अर्थ को उद्धृत किया, "हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसे, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसे ,नौजवानों के गर्म खून जैसे, मेरा वतन, तेरा वतन हमारा वतन दुनिया का सबसे प्यारा वतन वित्त मंत्री ने जब यह कविता सुनाई तो सत्ता पक्ष ने मजे थपथपाकर उसकी भूरी भूरी सराहना की। श्रीमती सीतारमण ने तमिल कवि तिरुवल्लूवर की रचना का जिक्र करते हुए हिंदी अर्थ को इस प्रकार व्यक्त किया है, इस कुरल का अर्थ है कि बीमारी से मुक्ति धन उत्पादन खुशहाली और सुरक्षा (प्रजा की) ये पांच चीजें किसी राज्य के अभिभाषण हैं। इसके बाद वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष कर का जिक्र करते हुए कालिदास रचित रघुवंश के प्रथम सर्ग एक के 18 वें दोहा को उद्धृत करते कहा," सूर्य जल की नन्हीं बूंदों से वाष्प लेता है। यही राजा भी करता है। बदले में ये प्रचुर मात्रा में लौटते हैं। वे लोगों के कल्याण के लिए ही संग्रह करते हैं।

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