फिलहाल दूध के दाम बढऩे की आशंका नहीं : क्रिसिल


नई दिल्ली। साख निर्धारण एवं बाजार अध्ययन कंपनी क्रिसिल ने अगले वित्त वर्ष में अच्छे मानसून और दूध उत्पादन बढऩे की संभावना के मद्देनजर दूध की कीमतों में फिलहाल वृद्धि नहीं होने की बात कही है।
कंपनी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में दिसंबर तक दूध का उत्पादन छह प्रतिशत कम रहा तथा पूरे वित्त वर्ष के दौरान इसके पाँच से छह प्रतिशत के बीच घटकर करीब 17.6 करोड़ टन रहने का अनुमान है। उसने बताया कि पिछले साल मई से दूध उत्पादन में कमी आने के कारण पहले नौ महीने में डेयरी कंपनियों का दूध का खरीद मूल्य 19 प्रतिशत बढ़ा। इस कारण उन्होंने दूध के खुदरा मूल्य तीन से चार प्रतिशत बढ़ा दिये। पहले जबरदस्त गर्मी, फिर मानसून के आने में देरी और बाद में ज्यादा बारिश से बाढ़ के कारण दुधारू पशुओं को सही चारा नहीं मिल पाया। इस कारण दुग्ध उत्पादन कम रहा। क्रिसिल की आज जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल फरवरी से पशुओं के लिए पर्याप्त चारा उपलब्ध है। साथ पिछले साल मानसूनी बारिश दीर्घावधि औसत से 10 प्रतिशत ज्यादा होने के कारण जलाशयों में इस बार 10 साल के औसत से 41 प्रतिशत ज्यादा पानी उपलब्ध है। साथ ही मानसून भी सामान्य रहने का अनुमान है। इन सभी कारकों से यह उम्मीद की जा रही है कि इस कैलेंडर वर्ष रबी और खरीफ फसलों का अच्छा उत्पादन होगा जिससे पशुओं को पर्याप्त चारा मिलेगा। इससे दुग्ध उत्पादन बढऩे की उम्मीद है। क्रिसिल के अनुसार, आने वाली कुछ तिमाहियों में दूध के दाम बढऩे की आशंका नहीं है। दूध के साथ ही दूध पाउडर के दाम भी इस दौरान स्थिर रहने की संभावना है। इसकी कीमत कैलेंडर वर्ष 2019 में 100 प्रतिशत बढ़कर 2018 के 150 रुपये प्रति किलोग्राम से 300 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुँच गयी है।

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