टसर धागों से महिलाएं बुन रही हैं भविष्य के सुनहरे सपनें

चारामा की महिलाओं ने तैयार किए 3.42 लाख रुपए का रेशम धागा

रायपुर। ग्रामीण महिलाओं के जीवन में टसर धागों से उन्हें न केवल स्वावलंबन की राह मिली है, बल्कि उनके सुनहरे भविष्य का भी ताना-बाना भी तैयार हो रहा है। कांकेर जिले में रेशम विभाग द्वारा महिलाओं को मशीन से रेशम धागा बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे चारामा विकासखंड के ग्राम झीपाटोला की 45 महिला सदस्यों को नियमित रूप से रोजगार मिल रहा है।
शीतला धागाकरण समूह की महिलाओं ने बताया कि पिछले चार वर्षों से वे इस कार्य से जुड़ी हैं। समूह द्वारा बनाये गए धागे व्यापारियों को बिक्री की जा रही थी, जिससे उनके परिश्रम का उचित लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा था। महिलाओं ने बताया कि रेशम विभाग द्वारा धागा निर्माण के लिए समूह को 160 किलो कच्चा माल दिया गया था। इस कच्चे माल से समूह द्वारा 74 किलो 500 ग्राम धागा तैयार किया गया। जिसे विभाग द्वारा 4 हजार 600 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा गया। इससे समूह को 3 लाख 42 हजार 700 रुपए की राशि मिली है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की मंशानुरूप और ग्रामोद्योग विभाग द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लगातार प्रयास किए जा रहे है। इन महिलाओं को बाजार उपलब्ध कराने के साथ ही उनकी कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

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