दिल्ली की जनता शाहीनबाग के साथ नहीं, देश के साथ: शाह


नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले साफ तौर पर जान लें कि दिल्ली की जनता नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोध में शाहीनबाग में धरना-प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ नहीं बल्कि देश के साथ मजबूती से खड़ी है। श्री शाह ने यहां कैंट सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी मनीष सिंह, पटेल नगर से परवेश रतन और तिमारपुर सुरेन्द्र सिंह बिट्टू के समर्थन में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली की जनता शाहीनबाग के साथ नहीं बल्कि देश के साथ खड़ी है।
श्री शाह ने सभाओं में कहा कि शाहीनबाग में 'जिन्ना वाली आजादी के नारे लगते हैं।Ó उन्होंने कहा," मैं अरविंद केजरीवाल और राहुल बाबा को बता देना चाहता हूं कि वे स्पष्ट जान लें कि दिल्ली की जनता शाहीनबाग के साथ नहीं बल्कि देश के साथ खड़ी है। दिल्ली में उनकी करारी शिकस्त होने वाली है। श्री केजरीवाल कह रहे हैं, चुनाव विकास के मुद्दे पर होना चाहिए। मैं केजरीवाल को बता देना चाहता हूं कि उनका विकास में भी रिकार्ड अच्छा नहीं है। वह कहते हैं कि शाहीनबाग पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मैं पूछता हूं कि देश की सुरक्षा का मुद्दा होना चाहिए या नहीं होना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि श्री केजरीवाल ने 2015 में जो चुनावी वादे किए थे, वह सूची लेकर आ जाएं और दिल्ली की जनता ही बता देगी कि उन्होंने किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री कहते हैं कि श्री शाह दिल्ली वालों का अपमान मत करो। मैं केजरीवाल से पूछता हूं, आप दिल्ली के सीएम हो लेकिन दिल्ली तो मेरे सामने बैठी है। हम केजरीवाल से उनके कामों का हिसाब मांगे तो इससे दिल्ली का अपमान कैसे होता है। उन्होंने कहा था कि 500 स्कूल बनाएंगे, 50 कॉलेज बनाएंगे, लेकिन नहीं बनाये। अब कह रहे हैं आप सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक बनाए, क्या इनमें ऑपरेशन हो सकते हैं? बड़ा इलाज हो सकता है? कहां जाएंगे दिल्ली वाले? केजरीवाल ने तो आयुष्मान योजना को भी लागू होने नहीं दिया। मैं दिल्ली के साथियों से वादा करता हूं दिल्ली में भाजपा की सरकार आयुष्मान भारत योजना के साथ गरीबों का इलाज भी अच्छे अस्पतालों में कराएगी। उन्होंने मतदाताओं को भाजपा को जिताने की अपील करते हुए कहा कि जब आप कमल के निशान का बटन दबाओगे तब आप भाजपा का विधायक नहीं होंगे, दिल्ली के मुख्यमंत्री को नहीं चुन रहे होंगे। आप दिल्ली और देश को सुरक्षित करने के लिए अपना वोट दे रहे होंगे। ये भाव मन में लाकर आठ फरवरी को कमल के निशान पर बटन दबाना, क्योंकि ये चुनाव दो पार्टियों के बीच का नहीं रह गया है। बल्कि दो विचारधाराओं का हो गया है।

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