28 मार्च से शुरू हो रही है रामायण एक्सप्रेस

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे रामनवमी के पहले भगवान राम के जीवनकाल से जुड़े स्थानों का भ्रमण कराने के लिए रामायण एक्सप्रेस का संचालन करने जा रही है। रेल मंत्रालय के उपक्रम भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) द्वारा संचालित होने वाली रामायण एक्सप्रेस इस बार नयी खूबियों के साथ आ रही है। दस कोच वाली इस ट्रेन में पांच कोच स्लीपर श्रेणी के और पांच कोच एसी-3 के होंगे। स्लीपर श्रेणी में 360 और एसी-3 में 330 सीटें उपलब्ध होंगी। यह गाड़ी दिल्ली सफदरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू होगी तथा गाजिय़ाबाद, मुरादाबाद, बरेली और लखनऊ से यात्री सवार हो सकेंगे। 16 रात एवं 17 दिन के इस टूर में अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि, कनक भवन और हनुमान गढ़ी के अलावा नंदीग्राम में भरत मंदिर, सीतामढ़ी में सीतामाता का मंदिर और जनकपुर में जानकी मंदिर के भी दर्शन कराये जाएंगे। जनकपुर के लिए सीतामढ़ी से यात्रियों को बस से ले जाया जाएगा। इसके बाद वाराणसी में तुलसी मानस मंदिर एवं संकटमोचन मंदिर, सीता समाधि स्थल, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम, हनुमान मंदिर एवं भारद्वाज आश्रम, श्रंगवेरपुर में श्रंगी ऋषि के आश्रम, चित्रकूट में रामघाट एवं सती अनुसूया मंदिर, नासिक में अजंनाद्रि पहाड़ी, हम्पी में हनुमान जन्मस्थल तथा रामेश्वरम में रामनाथ ज्योर्तिलिंग के दर्शन कराये जाएंगे।
तीर्थयात्रियों को शुद्ध शाकाहारी भोजन दिया जाएगा जिसमें नवरात्र का ध्यान रखते हुए लहसुन एवं प्याज भी नहीं होगा। व्रत वालों के लिए फलाहारी भोजन- साबूदाने की खिचड़ी, दही, फल एवं आलू चाट आदि की भी व्यवस्था होगी। स्लीपर श्रेणी के यात्रियों को धर्मशालाओं में तथा एसी-3 के यात्रियों को वातानुकूलित होटलों में ठहराया जाएगा। हर जगह मंदिरों आदि के भ्रमण के लिए गैर एसी बसों की व्यवस्था की जाएगी। आईआरसीटीसी का समर्पित गाइड भी होगा। आईआरसीटीसी ने स्लीपर श्रेणी के यात्रियों के लिए किराया 16 हजार 65 रुपए प्रति व्यक्ति तथा एसी श्रेणी के यात्रियों के लिए 26 हजार 775 रुपए प्रति यात्री तय किया है। आईआरसीटीसी ने श्रीलंका में रामायण से जुड़े स्थानों की यात्रा के लिए भी व्यवस्था की है लेकिन उसमें केवल 40 सीटें ही उपलब्ध होंगी। इच्छुक यात्रियों को यात्रा के 15वें दिन चेन्नई में उतरना होगा और वहां से हवाई जहाज से कोलंबो जाएंगे। तीन रात चार दिन के उस टूर के लिए प्रति यात्री 37 हजार 800 रुपए अतिरिक्त देना होगा। यात्रियों को कैंडी, नुवाराइलिया एवं नेगोम्बो में ले जाया जाएगा जहां उन्हें सीतामाता मंदिर, अशोक वाटिका, विभीषण मंदिर और प्रसिद्ध शिव मंदिर मुन्नेश्वरम के दर्शन कराये जाएंगे। वापसी में यात्रियों को 15 अप्रैल को सुबह कोलंबो से सीधे दिल्ली विमान से लाया जाएगा।

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