डेथ वॉरंट के जारी होने के बाद दोषी विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की क्यूरेटिव पिटिशन

नई दिल्ली। निर्भया केस में दिल्ली की एक अदालत द्वारा डेथ वॉरंट जारी करने के कुछ दिन बाद ही चार में से एक दोषी विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की है। याचिका में फांसी पर रोक की मांग की गई है। बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 7 जनवरी को चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर दिया था। हालांकि अभी तक जो सुप्रीम कोर्ट की परंपरा रही है उसमें रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मामले में ही शीर्ष अदालत ने क्यूरेटिव पिटिशन में अपना फैसला पलटा है। ऐसे में दोषियों की फांसी टलना मुश्किल लग रहा है।
कानूनी जानकार ज्ञानंत सिंह बताते हैं कि डेथ वॉरंट जारी होने के बाद भी मुजरिम चाहे तो दया पिटिशन दाखिल कर सकता है। दया याचिका दाखिल करने के लिए कोई समय सीमा नहीं है। इस मामले में अब क्यूरेटिव पिटिशन का रास्ता बंद सा दिखता है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के रूल और ऑर्डर के तहत प्रावधान है कि क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने के दौरान ये अर्जी में बताना होता है कि चूंकि उनके ग्राउंड को रिव्यू पिटिशन पर इन चैंबर विचार के दौरान नहीं देखा गया ऐसे में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाती है। लेकिन मौजूदा मामले में रिव्यू पिटिशन ओपन कोर्ट में सुना गया और फिर खारिज हो चुका है ऐसे में उनके समझ से क्यूरेटिव पिटिशन नहीं बनता है।

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