मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा सबसे अहम, इसलिए नींव प्रोजेक्ट की शुरूआत की : भूपेश बघेल


  • गांधी जी कहते थे मातृ भाषा में शिक्षा बच्चों के शैक्षणिक विकास के लिए अहम

रायपुर। मुख्यमंत्री (CM) भूपेश बघेल (Bhupesh Baghle) ने कहा है कि मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा सबसे अहम है, इसलिए स्कूलों में नींव प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री आज भिलाई के वैशाली नगर उच्चतर माध्यमिक शाला में आयोजित नींव और भाषा पिटारा कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब बच्चे स्कूल आते हैं तो वे अपनी मातृभाषा भी लेकर आते हैं। एकदम से दूसरी भाषा में सिखाई गई बातें उन्हें समझने में दिक्कत होती है। बच्चे इस प्रक्रिया से सहज हो सकें। इसके लिए नींव प्रोजेक्ट आरंभ किया गया है। इसमें न केवल बच्चों को मातृभाषा (Mother tongue) के माध्यम से सिखाया जा रहा है अपितु पढऩे के साथ में उनके भीतर सोच-विचार की प्रक्रिया को भी जगह दी जा रही है ताकि बच्चे की कल्पनाशीलता बढ़े, वो चीजों को बेहतर तरीके से समझ सके, बेहतर तरीके से अभिव्यक्त कर सके और पूरे आत्मविश्वास से अपनी अभिव्यक्ति कर सके।
    बघेल ने मातृभाषा में शिक्षा की उपयोगिता का सुंदर उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि थोड़ी देर पहले मैं बच्चों को भौंरे की एक कहानी बता रहा था। मैंने एक बच्चे से पूछा कि यह क्या है। उसने बताया कि यह लट्टू है। मैंने कहा कि यह भौंरा है तो उसने स्पष्टता से कहा कि यह लट्टू है। उसने अपनी मातृभाषा में इसे लट्टू के रूप में सीखा है। अपनी मातृभाषा ने ही उसे यह आत्मविश्वास (Confidence) दिया है कि वो पूरी प्रखरता से अपनी बात रख रहा है। गांधी जी (Gandhi ji) भी मातृभाषा में शिक्षा को महत्व देते थे। हमने इसे अपनाया है। नींव प्रोजेक्ट इसी दिशा में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आरंभ किया गया है। बच्चों की समझ और भाषा ज्ञान का विकास इससे तेजी से होगा।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि नींव प्रोजेक्ट के लिए कहानियां और सामग्री हमारे शिक्षकों ने ही तैयार की है। शिक्षा की गुणवत्ता को बढाने के लिए हम ब्लैक बोर्ड  टू की बोर्ड योजना चला रहे हैं। साइंस (Science) और मैथ्स (Maths) के शिक्षकों की कमी पूरी करने की दिशा में हमने बड़ी पहल की है। आट्र्स के शिक्षकों के पदों की रिक्ति होते ही हम इनकी नियुक्ति करेंगे। शिक्षकों को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी हम कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिव्यक्ति के लिए भाषिक विकास सबसे महत्वपूर्ण है। इस नये तरीके की पढ़ाई में सीखने पर सबसे ज्यादा जोर है। बच्चे इसमें संवाद करते हैं। प्रतिक्रिया करते हैं जिससे उनका सृजनात्मक विकास तेजी से होता है। उन्होंने इस अवसर पर बच्चों को सोया मिल्क भी पिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सबसे महत्वपूर्ण है हम पोषण पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा को बेहतर करना हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। पालक और सामाजिक संगठन भी इस दिशा में बड़ा योगदान दे सकते हैं। अच्छी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में उत्तरोत्तर कार्य करें। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर एलएएफ प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने एलएएफ फाउंडेशन द्वारा जारी किट का वितरण भी शिक्षकों को किया।
    इस अवसर पर विधायक एवं महापौर देवेंद्र यादव ने कहा कि भिलाई में शिक्षा के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये गए हैं। गांधी जी के सर्वोदय एवं अंत्योदय की भावना के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। ेविधायक विद्यारतन भसीन ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों को अपनाने से शिक्षा की गुणवत्ता का विकास होता है। संचालक समग्र शिक्षा पी. दयानंद ने भाषा पिटारा के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संकुल अकादमिक समन्वयकों एवं शिक्षकों के लिए इसे तैयार किया गया है। इस संकलन में भाषा शिक्षण से जुड़े 10 मुख्य विषय हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री के सचिव एवं प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा गौरव द्विवेदी, कमिश्नर दिलीप वासनीकर, आईजी हिमांशु गुप्ता, कलेक्टर अंकित आनंद, संचालक डीपीआई एस. प्रकाश,  संचालक बीज निगम नरेंद्र दुग्गा, एसपी प्रखर पांडे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

Recent in Sports