विधानसभा : हसदेव नदी पर बना सोथी एनीकट क्षतिग्रस्त, दोषियों पर कार्यवाही नहीं : सौरभ सिंह


  •   -जल आपूर्ति न होने से चौपट होंगे उद्योग-धंधे
रायपुर । विधानसभा में आज ध्यानाकर्षण के माध्यम से सदस्य सौरभ सिंह ने हसदेव नदी पर गलत डिजाइन और निम्न गुणवत्ता से निर्मित सोथी एनीकट के क्षतिग्रस्त होने का मामला उठाते हुए दोषी ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं होने का मामला उठाया। 
श्री सिंह ने अपने ध्यानाकर्षण में कहा कि-जांजगीर-चांपा जिले के हसदेव नदी पर वर्ष 2006 से प्रारंभ होकर 2012 में एनीकट का निर्माण 1775 लाख की लागत से बनाया गया है एवं प्रशासनिक स्वीकृति 1853.75 लाख की दी गई है। इसे प्रचलित शब्दों में सोथी एनीकट कहा जाता है। उक्त एनीकट गलत डिजाईनिंग और निम्न गुणवत्ता का निर्माण के कारण 15-11-2018 को बह कर टूट गया है। ठेकेदार और संबंधित कर्मचारी और अधिकारीगण जिन्होंने इसका निर्माण कराया उन पर कोई नोटिस और जांच आदेश नहीं दिया गया है। विभाग द्वारा इस एनीकट से प्रकाश इण्ड्रस्ट्रीज एवं मध्य भारत पेपर मिल और नदी किनारे किसानों को सब्जी लगाने के लिए जल आपूर्ति की जाती थी। आपूर्ति न होने से विभाग को 30 लाख रूपए प्रतिमाह का नुकसान हो रहा है। एनीकट फ्लोटिंग वायर पद्धति से बना है जिसमें बाड़ी वियश्र आरडी 110 से आरडी 146 के मध्य का भाग बह गया है। इस पद्धति से बने एकीकट का पुन: निर्माण और मरम्मत यदि वर्षाऋतु तक नहीं हुई तो संपूर्ण स्ट्रक्चर बह सकता है। आज की स्थिति में मिट्टी का अस्थाई स्ट्रक्चर बनाकर काम किया जा रहा है। उपरोक्त स्ट्रक्चर के निर्माझज्ञ प्श्र :.65 करोड़ की अनुमानित लागत है। एनीकट ना बनने से गर्मी में उद्योग बंद हो जाएंगे, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और नदी किनारे सब्जी उगा रहे किसानों की पूरे साल की फसल का नुकसान होगा। इसकी वसूली किस अधिकारी से की जाएगी, इस पर कोई निर्देश प्राप्त नहीं ुआ। इसी प्रकार हसदेव नदी पर सतीगुड़ी, चाम्पा नगर और कुदरी में भी इसी दौरान एनीकट बनाए गए थे, इनमें से भी पानी का रिसाव हो रहा है और कभी भी तेज प्रवाह और बाढ़ की स्थिति में ढह सकता है। यह स्थिति तब है जबकि पिछले तीन मानसनू में कम वर्षा के कारण बांगो बांध से नदी में पानी नहीं छोड़ा गया है। सिंचाई विभाग की उदासीनता से जनता में भारी रोष एवं आक्रोश व्याप्त है। 
इसके जवाब में विभागीय मंत्री रविन्द्र चौबे ने सदन को बताया कि-जांजगीर-चांपा जिले में हसदेव नदी पर ग्राम पीथमपुर व हथनवेरा के मध्य सोंठी एनीकट के निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति छग शासन के पत्र क्रमांक 4087-डी-9-647-जसं रायपुर दिनांक 17-7-2006 द्वारा रूपए 694.64 लाख की प्रदाय की गई थी। रूपए 659.77 लाख की तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर अनुबंध क्रमांक 01-डीएल-2007-08 के द्वारा अशोक कुमार मित्तल अ-5 श्रेणी ठेकेदार से कार्य प्रारंभ करवाया गया। निर्माण के दौरान हसदेव नदी में फाउण्डेशन में रेत अधिक गहराई तक रेत-बालू होने के कारण योजना में फायफ्रामवाल जोड़कर योजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय छग शासन द्वारा दिनांक 2-12-2009 को रूपए 1853.75 लाख ककी प्राप्त हुई थी। योजना पर सिविल कार्य हेतु 1285.00 लाख तथा गेट कार्य हेतु रूपए 490.90 लाख कुल रूपए 1775.90 लाख व्यय हुआ है। विभाग द्वारा सोंठी एनीकट से प्रकाश इण्ड्रस्ट्रीज को 8.40 मि.घ.मी. वार्षिक नैसर्गिक स्नोत्र एवं 1.825 मि.घ.मी. वार्षिक शासकीय स्त्रोत से तथा मध्य भारत पेपर मील को 2.16 मि.घ.मी. वार्षिक नैसर्गिक स्त्रोत से आवंटित है। एनीकट से आपस्ट्रींग में कुदरी बैरोज निर्मित है। मैदानी अमले द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा एवं प्रस्तुतीकरण के अनुसार डिजाईन का परीक्षाण कर निर्माण किया गया है। एनीकट की टूटने की सूचना दिनांक 14.11.2018 को रात्रि के समय प्राप्त होने के बाद दिनांक 24 नवंबर 2018 को प्र्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग द्वारा गठित जांच दल द्वारा निरीक्षण कर जांच की गई। पुन: वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल कर दिनांक 7 फरवरी 2019 को क्षतिग्रस्त कार्य की जांच की गई। जिसका जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो चुका है जिसके आधार पर विष्भागीय निमयों के तहत दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। क्षतिग्रस्त एनीकट के सुधार होने तक संबंधित उद्योगों को विभाग द्वारा इस स्थल के ऊपर निर्मित संरचनाओं से जल प्रदान की वैकल्पिक व्यवस्था से जल प्रदान किया जा रहा है। प्रकाश इण्ड्रस्ट्रीज को आवंटित 8.40 मि.घ.मी.वार्षिक तथा मध्य भारत पेपर इण्ड्रस्ट्रीज को आवंटित 2.16 मि.घ.मी. वार्षिक नैसर्गिक स्त्रोत से है, इन्हें नदी से जल बहाव से जल आहरण करना है। नदी में बहाव उपलब्धता के अनुसार संस्थान द्वारा जल आहरण किया जाएगा। जिससे प्रकाश इण्ड्रस्ट्रीज को 1.825 मि.घ.मी. आबंटित जल के विरुद्ध ग्रीष्मकाल हेतु जल उपलब्ध कराया जा सकता है। अत: क्षतिग्रस्त एनीकट से अनुबंध के अनुसार शासन को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। हसदेव नदी पर निर्मित सत्तीगुड़ी, चांपा एवं कुदरी एनीकट में क्षति होने की कोई संभावना नहीं है। कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग जांजगीर-चांपा द्वारा एनीकट के क्षतिग्रस्त भाग का विशेष मरम्मत प्रस्ताव रूपए 367.50 लाख प्रस्तुत किया गया है। प्रस्ताव में तकनीकी टीप का निराकरण हेतु कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग जांजगीर-चांपा को निर्देशित किया गया है। स्वीकृति पश्चात क्षतिग्रस्त भाग को निर्माण करकने की कार्यवाही की जाएगी। जिन संस्थानों को शासकीय स्त्रोत से जल आबंटन की गई है, उनकी जल आपूर्ति बंद नहीं होगी। अत: उद्योग बंद नहीं होंगे तथा बेरोजगारी नहीं बढ़ेगी। नदी में पानी का बहाव रहने से किसानों को सब्जी भागी उगाने हेतु नुकसान नहीं होगा। हसदेव नदी पर सत्तीगुढ़ी, चांपा एनीकट एवं कुदरी बैरोज निर्मित है जिनमें कोई रिसाव नहीं है। क्षतिग्रस्त एनीकट के मरम्मत का प्रस्ताव स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है अत: उदासीनता नहीं है एवं जनता में कोई रोष एवं आक्रोश व्याप्त नहीं है।  

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