मेकॉज में तकनीशियनों तथा सुपर स्पेशिलिस्टों का अभाव

  • बेहाल हुई चिकित्सा व्यवस्था
जगदलपुर। डिमरापाल स्थित मेकॉज में विशेषज्ञों के अभाव में गंभीर मरीज बचाये नहीं जा पा रहे हैं। इस संबंध में सरकार और प्रशासन का मौन भी खलने वाला है। बस्तर में एक भी आपातकालीन चिकित्सा विशेषज्ञ या टेक्नीशियन तैनात नहीं है। जो कि आपात स्थिति में अपनी सेवाऐं दे सकें। आपातकालीन टेक्रीशियन अस्पताल या अस्पताल के बाहर आपताकालीन चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं। आपातकालीन चिकित्सकों को आपात स्थितियों में जैसे कोई दुर्घटना या आपदा क्षेत्र में शीघ्र सेवा देने के लिए प्रशिक्षित होते हैं तथा ऐसे तकनीशियन एम्बुलेंस में भी तैनात रहते हैं। आपातकाल में एम्बुलेंस ही सबसे पहली पहुंचती है और ऐसी स्थिति में ये टेक्नीशियन इसी स्थिति के लिए प्रशिक्षित किये जाते हैं। वे अस्पतालों में सेवायें देने के अलावा दमकल विभाग और पुलिस विभाग में भी काम करते हैं। 
गौरतलब है कि बस्तर में 13 वर्ष पहले मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई थी तथा इसे भव्य भवन भी मिल चुका है। इसके बावजूद चिकित्सा सेवायें यहां नगण्य हैं। मेडिकल कॉलेज होने के बाद भी यहां एक भी आपातकालीन और आईसीयू विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद नहीं है। जबकि प्रत्येक जिला अस्पताल में एक आईसीयू विशेषज्ञ एवं केजुअल्टी विशेषज्ञ डॉक्टरों की पदस्थापना होनी चाहिए। खेद का विषय है कि बस्तर के मेकॉज और जिला अस्पताल में इसके पद ही सृजित नहीं किये गये हैं। 
केंद्र और राज्य सरकार बुनियादी सुविधाओं के रूप में शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं को महत्वपूर्ण मान कर इन सेवाओं के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रूपए खर्च करती है। इसके बाद भी सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नसीब नहीं हो पा रहा है। छत्तीसगढ़ की पूर्व सरकार चिकित्सा सेवायें एवं शिक्षा को लेकर गंभीर होने की बात कहती रही है। जिसके आधार पर बस्तर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना तो कर दी गई पर सुविधायें शून्य हैं। 
नई सरकार से लोगों को चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार को लेकर बड़ी उम्मीदे हैं। अभी तक तो वर्तमान में डिमरापाल स्थित स्व. बलीराम कश्यप स्मृति मेेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर सेंटर ही बना हुआ है। 
विडंबना यह है कि डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में लाखों रूपए कीमत के हर तरह के अत्याधुनिक उपकरण मौजूद हैं। इसके बाद भी लोगों को रकम खर्च कर निजि डायग्रोस्टिक सेंटरों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज होने के बाद भी केजुअल्टी और आईसीयू विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव है। गहन चिकित्सा के लिए किसी भी अस्पताल में इसकी मौजूदगी को आवश्यक माना जाता है। मेडिकल कॉलेज बस्तर में होने के बौजूद यहां चिकित्सा सेवाओं का अभाव है और मेकॉज से मरीजों को रायपुर या विशाखापट्टनम रेफर किया जा रहा है।
मेकॉज के अधीक्षक डॉ. अविनाश मेश्राम का कहना है कि वर्तमान में आईसीयू और केेजुअल्टी विशेषज्ञ चिकित्सकों की यहां व्यवस्था नहीं है। इस तरह की सेवाएं ज्यादातर महानगरों में देखने को मिलती हैं, बस्तर की नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में इस तरह के विशेष चिकित्सक मौजूद हों इसकी संभावना कम है। फिलहाल मेकॉज में चिकित्सकों की कमी है उसे पूरा करने शासन स्तर पर पहल की जा रही है और रायपुर में इस हेतु प्रक्रिया चल रही है।

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