बिहार से पहले बस्तर में मिल चुकी है पाकिस्तानी जी-3 असाल्ट रायफल

  • उल्फा के उग्रवादी कर रहे हैं नक्सलियों की मदद
जगदलपुर । बिहार के रजौली में नक्सलियों के पास से पाकिस्तानी मेड गोलियां मिली हैं। इसके बाद से पाकिस्तान और नक्सली कनेक्शन की चर्चा एक बार फिर से जोरों पर है। उल्लेखनीय है कि बिहार से पहले बस्तर में पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में जर्मन तकनीक से बनी जी-3 असॉल्ट राइफल मिल चुकी है। यह राइफल पुलिस को सुकमा के पुट्टेपाड़ व तारीगुड़ेम में हुई मुठभेड़ के बाद मारे गए नक्सलियों के पास मिली थी। दुनिया के गिने-चुने देश ही इस उन्नत राइफल का उपयोग करते हैं। इस बंदूक के बाद इसके कई अत्याधुनिक वर्जन भी लांच किए गए हैं जो बेहद उन्नत माने जाते हैं। इसके अलावा अभी जांच में यह पता चला है जी 3 एक ऐसी राइफल है जिसमें किसी भी रायफल की गोलियां लग जाती है। हालांकि अभी पुलिस अफसर इस बंदूक की जांच के संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं बता रहे हैं। अभी-अभी ज्वाइनिंग लिये सुकमा एसपी जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि इस मामले की जांच कहां तक पहुंची है अभी कह पाना संभव नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों को यह बंदूक उल्फा के उग्रवादी संगठन ने दी है। पाकिस्तान में जर्मनी की हथियार बनाने वाली कंपनी हेकलर एंड कोच 3 फैक्ट्रियां चला रही है। इसके बाद नेपाल के रास्ते असम के उल्फा उग्रवादियों के पास पहुंची और 2010 के आसपास जब नक्सली उनके संपर्क में आए तो नक्सलियों को दे दिया गया।

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