धान के जमाव से खरीदी केंद्रों की हालत खराब


जगदलपुर । ऋण माफी योजना के बाद खरीदी केंद्रों में किसान बड़ी मात्रा में अपनी उपज लेकर आ रहे हैं और इन खरीदी केंद्रों की हालत धान के जमा होने से खराब हो रही है। जानकारी के अनुसार बस्तर के खरीदी केंद्रों में धान का बड़ी मात्रा में जमाव हो गया है और इस धान की मात्रा 11 लाख च्ंिटल से भी अधिक हो चुकी है। खरीदी गई धान का उठाव नहीं होने से और कुछ स्थानों पर धीमी गती से होने से खरीदी केंद्रों में करीब डेढ़ लाख टन धान का जमाव हो गया है। इससे धान खरीदी केंद्रों में जाम की स्थिति बन गई है। जानकारी के अनुसार किसानों को 2500 रूपए क्विंटल धान की कीमत मिलने से प्राय: अंचल के सभी किसान धान बेचने के लिए बड़ी मात्रा में आ रहे हैं।
धान उठाव के लिए 72 घंटे की समय सीमा निर्धारित की गई है और धान का उठाव कर उसे संग्रहण केंद्रों में पहुंचाने का निर्देश दिया गया है, लेकिन इस निर्देश का पालन नहीं हो रहा है। धान उठाव न होने से डीसीसीबी ने डीएमओ को पत्र लिखकर धान उठाव की व्यवस्था करने का आग्रह किया है। इस संबंध में यह भी प्रमुख तथ्य है कि राज्य शासन की ऋण माफी घोषणा व धान का मूल्य 2500 रूपए किये जाने से इसे अब पूरा करने की प्रक्रिया चल रही है। इस संबंध में राज्य शासन ने यह फैसला किया था कि धान खरीदी के पश्चात किसानों से खरीदी गई धान का परिवहन शीघ्र हो और जाम की स्थिति न बने इसलिए समय सीमा भी निर्धारित की थी। लेकिन वैसा कुछ दिखा नहीं। अभी भी धान खरीदी केंद्रों में जाम की स्थिति बनी हुई है। संभाग के कांकेर व नारायणपुर जिले में सबसे अधिक जाम की स्थिति है। कांकेर जिले में अभी तक 158890 टन की खरीद हुई है। जिसमें से 81981 टन धान केंद्रों से नहीं उठाया गया है। इसी प्रकार की स्थिति नारायणपुर जिले में भी है और वहां भी खरीदी केंद्रों में धान जमा हुआ है। जबकि धान खरीदी के लिए 31 जनवरी समय सीमा निर्धारित की गई है।  

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