महिलाओं को होने वाला रोग पीसीओडी यानि पॉलीसिस्टिक अंडाशय रोग (PCOD) इन दिनों काफी कॉमन हो गया है। इस स्थिति में महिला की ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बनने शुरू हो जाते हैं। पॉलीसिस्टिक शब्द का अर्थ है कई अल्सर जो द्रव से भरी थैली होती है। यह परेशानी महिला के हार्मोंन इम्बेलेंस होने की वजह से भी होती है। पीसीओडी की प्रॉब्लम 15 से 44 साल की उम्र की महिलाओं में होती है।
PCOD के लक्षण
अनियमित पीरियड्सपीरियड्स के दौरान रक्त का अधिक बहाव
अनचाहे और असामान्य बाल
बढ़ता वजन
मुंहासे
गंजापन
PCOD के कुछ दुष्प्रभाव
बांझपन
पीसीओडी का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव बांझपन है। यह ओव्यूलेशन प्रक्रिया में गड़बड़ी कर गर्भावस्था में समस्या पैदा करता है। ओव्यूलेशन वह प्रक्रिया है जिसमें ओवरी एग बनाती है और जब एग बनने में गड़बड़ी होने लगती है फिर इनफर्टिलिटी की समस्या होने लगती हैं। इनफर्टिलिटी के लिए आज PCOD सबसे बड़ा कारण है।खराब मेटाबॉलिज्म
यह समस्या आपके मेटाबॉलिज्म स्तर को गिराना शुरू कर देती है। इस समस्या में महिलाएं मोटापे का शिकार होने लगती हैं और फिर मोटापा आगे चलकर कई क्रोनिक बीमारियों का भी कारण बनता है। यह ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रैशर को बढ़ाता है।साथ ही यह बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है जो आगे डायबिटीज, स्ट्रॉक और हार्ट डिसीज का कारण बनते हैं। मोटापा और पीसीओडी दोनों ही मेटाबॉलिज्म को कम करता है।
अनियमित पीरियड्स
इस प्रॉब्लम के बाद महिलाओं के पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं। हार्मोंन की गड़बड़ी मासिक धर्म के सर्कल को प्रभावित करते हैं। मासिक धर्म की अनियमितता आगे प्रेग्नेंसी में दिक्कत लाते हैं।PCOD से कैसे निपटें?
इस समस्या का समय रहते इलाज करवाना बहुत जरूरी है नहीं तो यह आगे चलकर महिला स्वास्थ से जुड़ी कई अन्य समस्याओं को जन्म देती है। अगर अभी इस समस्या की महज शुरूआत है तो आप सिंपल स्टैप्स की मदद से इसे दूर कर सकते हैं।
खान-पान में करें बदलाव
आपकी बेलेंस डाइट पीसीओडी की प्रॉब्लम दूर करने में मददगार हो सकती है क्योंकि यह हार्मोंन्स को नियंत्रित करती है। इसी से आपकी पीरियड प्रॉब्लम भी सही होगी।अपनी डाइट में फल, सब्जियां, नट्स और दालें शामिल करें। विटामिन डी के लिए धूप जरूर सेंके। इसके लिए आप मशरूम फैटी फिश, अंडे का पीला भाग आदि खाएं।