गोधराकांड. मोदी को क्लीन चिट के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अब 26 नवंबर को सुनवाई


नयी दिल्ली । गुजरात में 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निर्दोष करार देने वाले फैसले के खिलाफ जकिया जाफरी और तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई आज टाल दी। न्यायालय इस याचिका पर अब 26 नवंबर को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने सोमवार को समय की कमी की वजह से इस मामले में सुनवाई टाल दी। विशेष जांच दल (एसआईटी) के इस मामले में श्री मोदी और अन्य को क्लीन चिट देने के गुजरात उच्च न्यायालय के निर्णय को जकिया और सीतलवाड़ ने चुनौती दी थी। एसआईटी की तरफ से न्यायालय में हाजिर हुए अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने याचिका का विरोध किया। श्री रोहतगी ने कहा कि इस मामले में सीतलवाड़ को दूसरी याचिकाकर्ता नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीतलवाड़ की याचिका सुनवाई योग्य नहीं हैं क्योंकि वह असली याचिकाकर्ता नहीं है। सीतलवाड़ का कहना है कि वह इस मामले में न्यायालय की मदद करना चाहती है। वर्ष 2002 में 27 फरवरी को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे में आग लगा दी गयी थी। इस डिब्बे में सवार 59 लोगों की जलकर मौत हो गयी थी। मारे गए अधिकतर लोग अयोध्या से वापस आ रहे थे। इस घटना के बाद गुजरात में भड़के दंगों में करीब 1000 लोगों की मौत हुई थी। गोधराकांड के अगले दिन भड़के दंगों में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में दंगाइयों ने पूर्व कांग्रेस सांसद जाफरी समेत 69 लोगों की हत्या कर दी थी। इस मामले में एसआई ने फरवरी 2012 में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी जिसमें श्री मोदी को क्लीन चिट दी गयी थी। यह दंगे जब भड़के उस समय श्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

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