नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सुरक्षा पर भारत के रुख का समर्थन किया है। थरूर ने कहा कि भारत ने शेख हसीना को वापस जाने के लिए मजबूर नहीं किया, जो इंसानियत के नज़रिए से सही कदम है।
पुरानी दोस्ती, इंसानियत वाली भूमिका
चर्चा के दौरान शशि थरूर ने कहा, शेख हसीना के मामले में भारत ने सही इंसानियत वाली भावनाएँ दिखाई हैं। वह कई सालों से भारत की अच्छी दोस्त रही हैं। इसलिए, जब तक कानूनी पहलुओं की अच्छी तरह से स्टडी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें सुरक्षित रखना ज़रूरी है।
एक्सट्रैडिशन कानूनी तौर पर मुश्किल
थरूर ने बताया कि एक्सट्रैडिशन से जुड़े मामलों में मुश्किल कानूनी नियम, इंटरनेशनल एग्रीमेंट और छूट होती हैं। बहुत कम लोग इन बातों को पूरी तरह समझते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आखिरी फैसला सरकार को सभी बातों पर विचार करने के बाद लेना चाहिए।
तब तक सुरक्षा ज़रूरी है
एक अच्छे दोस्त के नेता की मेहमाननवाज़ी करते हुए, थरूर ने यह भी राय ज़ाहिर की कि जब तक सरकार मामले की अच्छी तरह से स्टडी नहीं कर लेती, तब तक शेख हसीना को सुरक्षित रखना सही रहेगा।
ढाका के घटनाक्रम पर फोकस
थरूर का यह रिएक्शन ऐसे समय में आया है जब ढाका में युवा नेता शरीफ़ उस्मान हादी की हत्या के बाद भारत-बांग्लादेश रिश्तों में तनाव बढ़ गया है। हादी को पिछले साल जुलाई में बांग्लादेश में हुए विद्रोह में एक अहम व्यक्ति माना जाता था। राजधानी में उनकी हत्या से देश में राजनीतिक अस्थिरता, आंदोलन और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
भारत विरोधी प्रदर्शन, वीज़ा सर्विस रोकी गईं
इस घटना के बाद बांग्लादेश में भारत विरोधी प्रदर्शन और तेज़ हो गए। बांग्लादेश सरकार ने भारत में बांग्लादेशी डिप्लोमैटिक मिशन के बाहर हुए विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए भारत के लिए वीज़ा सर्विस पर कुछ समय के लिए रोक लगाने की घोषणा की है।
