- तंबाकू-सिगरेट महंगी होंगी, लेकिन इंश्योरेंस सस्ता होगा!
-पार्लियामेंट के विंटर सेशन के पहले दिन केंद्र सरकार 9 फाइनेंशियल बिल पेश कर रही
नई दिल्ली। पार्लियामेंट का विंटर सेशन सोमवार से शुरू हो रहा है। केंद्र सरकार इस सेशन में कुल 9 ज़रूरी इकोनॉमिक बिल पेश करने वाली है, जिनसे देश की इकोनॉमिक पॉलिसी में बड़े बदलाव होने की संभावना है। इन बिल में इंश्योरेंस एक्ट में बदलाव करने वाला एक ज़रूरी बिल, साथ ही तंबाकू और पान मसाला जैसी नुकसानदायक चीज़ों पर नए टैक्स और सेस लगाने से जुड़े दो बिल शामिल हैं।
इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई का प्रस्ताव
आने वाले सेशन के लिए पार्लियामेंट के सदस्यों को भेजे गए बिलों की लिस्ट के मुताबिक, सरकार की योजना नई पीढ़ी के इकोनॉमिक सुधारों के तहत इंश्योरेंस कानूनों में बड़े बदलाव करने की है। 'इंश्योरेंस लॉज़ (अमेंडमेंट) बिल, 2025' में इंश्योरेंस सेक्टर में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की लिमिट 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। अब तक इंश्योरेंस सेक्टर ने एफडीआई के ज़रिए 82,000 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट अट्रैक्ट किया है। अगर यह लिमिट बढ़ाई जाती है, तो इस सेक्टर में विदेशी इन्वेस्टर्स का इनफ्लो बढ़ सकता है।
सिगरेट, तंबाकू पर नया 'हेल्थ सेस'
'सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल, 2025' सिगरेट जैसे तंबाकू प्रोडक्ट्स पर एक्साइज ड्यूटी लगाने का प्रोविजऩ करता है, जो मौजूदा जीएसटी कम्पनसेशन सेस की जगह लेगा। 'हेल्थ सिक्योरिटी टू नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025' पान मसाला पर लगने वाले कम्पनसेशन सेस की जगह लेगा। इन सेस का मकसद नेशनल सिक्योरिटी और पब्लिक हेल्थ पर होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए रेवेन्यू जुटाना है। अभी, तंबाकू और पान मसाला पर अलग-अलग रेट पर 28त्न त्रस्ञ्ज और कम्पनसेशन सेस लगता है।
दूसरे ज़रूरी फाइनेंशियल बिल
इस विंटर सेशन (1 से 19 दिसंबर) में दूसरे ज़रूरी फाइनेंशियल बिल भी डिस्कशन के लिए आ रहे हैं। इंटीग्रेटेड सिक्योरिटीज मार्केट कोड, 2025: 'ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजऩेस' पक्का करने के लिए एक इंटीग्रेटेड सिक्योरिटीज मार्केट कोड लागू करना।
- पब्लिक ट्रस्ट (अमेंडमेंट ऑफ़ प्रोविज़न्स) बिल, 2025: यह बिल चर्चा और मंज़ूरी के लिए लाया जाएगा।
- बैंकरप्सी एंड इन्सॉल्वेंसी कोड (अमेंडमेंट) बिल, 2025
- नेशनल हाईवेज़ (अमेंडमेंट) बिल, 2025.
- कॉर्पोरेट लॉ (अमेंडमेंट) बिल, 2025.
- इसके अलावा, फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए ग्रांट्स की मांग की सप्लीमेंट्री मांग का पहला फेज भी पेश किया जाएगा।
