8 दिसंबर को वंदे मातरम्, चुनाव सुधारों पर लोकसभा में 9 दिसंबर को चर्चा


  •  सरकार ने फौरन बहस के लिए अड़े विपक्ष को मनाया  विपक्ष ने एसआईआर पर लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन किया


नई दिल्ली। चुनाव सुधार यानी एसआईआर पर लोकसभा में 9 दिसंबर को चर्चा होगी। संसद में दो दिन से फौरन चर्चा पर अड़ा विपक्ष बहस के लिए मान गया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता के. सुरेश ने बताया, '9 दिसंबर को इलेक्टोरल रिफॉम्र्स यानी चुनावी सुधारों पर 10 घंटे बहस होगी।Óसाथ ही उन्होंने कहा- एक दिन पहले 8 दिसंबर को वंदे मातरम् पर चर्चा होगी। इसके लिए भी 10 घंटे का समय तय किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहस की शुरुआत करेंगे। वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर सरकार सदन में इस पर चर्चा करा रही है।

एसआईआर पर चर्चा के लिए अड़ा था विपक्ष

शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन हंगामे की वजह से सदन का कामकाज प्रभावित हुआ। विपक्ष एसआईआर और वोट चोरी के आरोप पर फौरन चर्चा की मांग पर अड़ा था। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने राज्य सभा में कहा ' एसआईआर की प्रोसेस के दौरान 12-13 लोगों की जान जा चुकी है। ये अर्जेंट मैटर है। फौरन चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष ने दोनों सदनों की कार्यवाही चलने नहीं दी।Óवोट चोर- गद्दी छोड़Ó के नारे लगाए। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दोनों पक्षों को अपने मीटिंग रूम में बुलाया था। यहां सहमति बनी कि कल से सदन बिना किसी हंगामे के चलेगा।

8 दिसंबर को वंदे मातरम् और अगले दिन चुनावी सुधारों पर चर्चा

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 दिसंबर को वंदे मातरम् पर 10 घंटे चर्चा होगी। बहस की शुरुआत पीएम मोदी करेंगे। वहीं अगले दिन 9 दिसंबर को इलेक्टोरल रिफॉम्र्स यानी चुनावी सुधारों पर 10 घंटे बहस होगी। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बुधवार, 10 दिसंबर को इसका जवाब देंगे।

राज्यसभा में मणिपुर जीएसटी विधेयक-2025 पास

विपक्ष के वॉकआउट के बाद राज्यसभा ने मणिपुर जीएसटी विधेयक, 2025 को पारित किया गया है। यह लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

कांग्रेस सांसद ने संचार साथी एप को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया

कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने संचार साथी एप को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा, गोपनीयता का अधिकार, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मूल अधिकार है। दूरसंचार विभाग का यह आदेश कि मोबाइल कंपनियां और आयातक 'संचार साथीÓ एप को फोन में पहले से इंस्टॉल करें और उसे हटाया भी न जा सके। यह लोगों की गोपनीयता पर सीधा हमला है।


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