रामकृष्ण ने अपनी किडनी बेचकर 20 एकड़ ज़मीन खरीदी



-फेसबुक गु्रप के ज़रिए ऑर्गन ट्रैफिकिंग के लिए एजेंट्स का नेटवर्क बनाया

-पुलिस कस्टडी पाँच दिन बढ़ाई गई

सोलापुर / चंद्रपुर। किडनी रैकेट का कनेक्शन सोलापुर तक पहुँचने के बाद यहाँ का पुलिस सिस्टम तैयार है। क्या आरोपी रामकृष्ण ने यहाँ मीठी-मीठी बातें करके किसी को धोखा दिया है? पुलिस अपने लेवल पर इसकी जाँच कर रही है। इस घटना के बाद, इस बात की खूब चर्चा है कि उसने अलग-अलग जगहों पर अपनी दौलत कमाई है। इसमें सूत्रों ने चौंकाने वाली जानकारी दी कि उसने सोलापुर में 20 एकड़ ज़मीन खरीदी है। उसकी पुलिस कस्टडी पांच दिन और बढ़ा दी गई है।


रामकृष्ण एक शांत और शांत स्वभाव के इंसान थे। वह किसी से ज़्यादा बात नहीं करते थे। लेकिन, वह इस बात का ध्यान रखते थे कि किसी को पता न चले कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है। भले ही वह एक लग्जऱी कार में घूमते थे, लेकिन वह कार खुद ही चलाते थे। उन्होंने ड्राइवर भी नहीं रखा था। अगर किसी के पास उनके लिए काम होता, तो वह उसे अपने क्रेडिट इंस्टीट्यूशन में बुलाते थे। वह उसे अपनी बातों में फंसा लेते थे और कुछ ही मिनटों में वहां से भेज देते थे। वह उसे ज़्यादा देर अपने पास नहीं बैठने देते थे।


अशोक चौक में मंदिर के लिए दी गई रकम


नागरिकों का कहना है कि उसने जूनी विडी घरकुल इलाके में वैष्णवी देवी मंदिर के रेनोवेशन के लिए 50 लाख से ज़्यादा खर्च किए। वहां एक कॉर्नर स्टोन भी है। कुछ दिन पहले अशोक चौक में एक धार्मिक कार्यक्रम हुआ था। खबर है कि उसने इसके लिए लाखों रुपये दिए थे।


तो... इलेक्ट्रॉनिक सामान का इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का धंधा


वह धार्मिक कार्यक्रमों पर बहुत पैसा खर्च कर रहा था। कोई यह पूछने की हिम्मत नहीं करता था कि उसके पास यह पैसा कहां से आता है। अगर पूछा भी जाता, तो वह मानता था कि हैदराबाद में उसका एक होटल है और यह उसकी कमाई है। अगर कोई उसका करीबी उससे पूछता, तो वह बताता कि वह विदेश में इलेक्ट्रॉनिक सामान का इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का धंधा करता है। सुंचू डोनर कम्युनिटी के ज़रिए ज़रूरतमंदों की जासूसी करता था और बेचने के लिए किडनी तैयार करता था।


किडनी रैकेट में चंडीगढ़ से गिरफ्तार हुए हिमांशु भारद्वाज ने 'किडनी डोनर कम्युनिटीÓ ग्रुप के ज़रिए पूरे देश में एजेंटों का नेटवर्क बुना था। आरोप है कि डॉ. कृष्णा उर्फ रामकृष्ण सुनचू महाराष्ट्र का एजेंट था। पुलिस जांच में पता चला है कि वह जरूरतमंदों की जासूसी करता है और उन्हें अपनी किडनी बेचने के लिए मजबूर करता है। तीसरे आरोपी की तलाश जारी है।


सुंचू की पुलिस कस्टडी गुरुवार को खत्म हो गई। जांच अधिकारियों ने उसकी पुलिस कस्टडी दस दिन बढ़ाने की मांग की थी क्योंकि वह पुलिस को सही जानकारी नहीं दे रहा था। इसके मुताबिक, कोर्ट ने उसकी पुलिस कस्टडी पांच दिन बढ़ाकर 29 दिसंबर तक कर दी है। इस बीच, फरार साहूकार मनीष घाटबंधे को 27 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है।


रोशन कुले फेसबुक पर किडनी डोनर कम्युनिटी ग्रुप के जरिए डॉ. कृष्णा के संपर्क में आया था। वह कृष्णा, भारद्वाज और एक अन्य व्यक्ति के साथ कंबोडिया गया था। उनमें से दो को एसआईटी टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच, पुलिस फरार इंजीनियर की तलाश कर रही है।


एयरपोर्ट का वीडियो वायरल


कुले, डॉ. कृष्णा और भारद्वाज का कंबोडिया जाते हुए एक वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। पुलिस इस वीडियो में दिख रहे सभी युवकों के बारे में जानकारी इक_ा कर रही है। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि कृष्णा और भारद्वाज ने पुलिस को कुछ ऐसे लोगों के नाम बताए हैं जिन्होंने उनकी किडनी बेची थी।


प्रिस्क्रिप्शन देने वाला डॉक्टर कौन है?


कंबोडिया जाने से पहले, सभी लोगों की कोलकाता के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में जांच की गई। पुलिस के मुताबिक, प्रिस्क्रिप्शन देने वाला डॉक्टर भी एक डॉक्टर है। पैथोलॉजी डिपार्टमेंट से डॉक्यूमेंट्स मांगे गए हैं।

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