नक्सलवाद के बाद अमित शाह का नया मिशन, 2029 तक देश से ड्रग्स खत्म करने का पक्का इरादा



नई दिल्ली । नक्सलवाद के खिलाफ़ लड़ाई में बड़ी कामयाबी हासिल करने के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अब पूरी ताकत से देश को ड्रग-फ्री बनाने की मुहिम में जुट गए हैं। उन्होंने अपना पक्का इरादा जताया है कि भारत का एक भी गांव ड्रग-फ्री नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले दस सालों में करीब 22 हजार करोड़ रुपये की 5.43 लाख द्मद्द ड्रग्स जब्त की हैं।


नक्सलवाद के बाद एंटी-ड्रग अलायंस

अमित शाह ने कई दशकों से देश के लिए एक गंभीर समस्या रही नक्सलवाद की समस्या को रोकने के लिए 31 मार्च, 2026 तक की डेडलाइन तय की थी। सुरक्षा बलों की मिली-जुली कोशिशों से इस दिशा में बड़ी सफलता मिली है। देश से नक्सलवाद लगभग खत्म हो चुका है। ऐसे में गृह मंत्री का अगला लक्ष्य ड्रग्स का पूरी तरह से खात्मा है।

केंद्र ने राज्यों का साथ दिया

हरियाणा के पंचकूला में हुए एक प्रोग्राम में अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकारों के साथ खड़ी है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स  के हेड्स को सिंथेटिक ड्रग लैब्स को ढूंढकर नष्ट करने का निर्देश दिया है। साथ ही उनसे हर तीन महीने में जब्त की गई ड्रग्स को साइंटिफिक तरीके से नष्ट करने का सिस्टम बनाने को भी कहा है। डेडलाइन क्या है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक एक विकसित भारत का सपना देखा है, और इसे पूरा करने के लिए युवाओं को ड्रग्स से बचाना ज़रूरी है, शाह ने बताया। इसी बैकग्राउंड में, उन्होंने 2029 तक ड्रग कार्टेल को खत्म करने का संकल्प लिया है। उन्होंने दावा किया कि पिछले चार सालों में जि़ला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर लागू की गई यह स्ट्रैटेजी बहुत सफल रही है।

रोडमैप की जि़म्मेदारी अधिकारियों को

टॉप सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस अधिकारियों की मीटिंग में अमित शाह ने ड्रग सप्लाई चेन के खिलाफ़ सख्त एक्शन के संकेत दिए। इस खतरे से निपटने के लिए एक साफ़ रोडमैप तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। हृष्टह्रक्रष्ठ (नार्को-कोऑर्डिनेशन सेंटर) मीटिंग में भी यह मंत्र दोहराया गया कि एक ग्राम भी ड्रग्स भारत में नहीं आने दिया जाएगा।


अब तक क्या एक्शन लिया गया है?

मोदी सरकार ने सिफऱ् छोटे डीलरों तक ही सीमित नहीं रखा है, बल्कि बड़े ड्रग कार्टेल के खिलाफ़ भी सख्त कदम उठाए हैं।

2014-2024: 5.43 लाख किलो ड्रग्स ज़ब्त

ज़ब्त ड्रग्स की कीमत 5,933 करोड़ रुपये से बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये हो गई। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में 1,483 द्मद्द कोकीन ज़ब्त की गई, जो 2020 के मुकाबले करीब 78 गुना ज़्यादा है।


ड्रग्स की खेती भी खत्म

  • 2020: 10,700 एकड़
  • 2021: 11,000 एकड़
  • 2022: 13,000 एकड़
  • 2023: 31,761 एकड़ ज़मीन खत्म


तीन महीने में एक बार रिव्यू

एएनटीएफ चीफ को एंटी-नारकोटिक्स एक्शन चेकलिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला पुलिस लेवल पर जांच, कार्रवाई और पहचान प्रोसेस का हर तीन महीने में रिव्यू किया जाएगा। इसके लिए खास फोरेंसिक लैब भी बनाई जा रही हैं।


नार्को-टेरर का खतरा

फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन, हवाला, क्रिप्टोकरेंसी और साइबर सर्विलांस के लिए राज्य लेवल पर खास टीमें बनाई जा रही हैं। अमित शाह ने बताया कि ड्रग मनी अब नार्को-टेरर से जुड़ गया है, जो देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इसलिए, मकसद सिर्फ यूजर्स को ही नहीं बल्कि पूरे नेटवर्क को खत्म करना है।


देश भर में ड्रग-फ्री कैंपेन

अभी, 'ड्रग-फ्री इंडिया कैंपेनÓ 372 जिलों में चलाया जा रहा है। इसमें 10 करोड़ नागरिक और 3 लाख एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा, 'मिशन ड्रग-फ्री कैंपसÓ, डार्कनेट और क्रिप्टोकरेंसी पर ट्रेनिंग और हेल्पलाइन का इस्तेमाल बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है।

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