दंगल फेम एक्ट्रेस फातिमा सना शेख अपनी आने वाली फिल्म 'गुस्ताख इश्क' को लेकर खबरों में हैं। फिल्म में विजय वर्मा के साथ उनकी रोमांटिक केमिस्ट्री देखने को मिल रही है। फातिमा ने मूवी के प्रमोशन के दौरान फेमिनिज्म के मुद्दे पर भी कमेंट किया। उन्होंने जेंडर इक्वालिटी का असल में क्या मतलब है, इस पर अपने विचार बताए। कुछ महीने पहले उनकी मूवी 'धक धक' रिलीज़ हुई थी। इसमें सिफऱ् एक्ट्रेस थीं। मूवी का अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए उन्होंने फेमिनिज्म पर कमेंट किया।
'ज़ूम' के साथ एक इंटरव्यू में फातिमा सना शेख ने कहा, "फेमिनिस्ट होने का मतलब मर्दों को कम दिखाना नहीं है, बल्कि जेंडर इक्वालिटी को सपोर्ट करना है। हम अक्सर सोचते हैं कि धक धक में दिखाए गए सीन जैसे सीन सिफऱ् औरतें ही लिख सकती हैं। लेकिन वे सीन एक यंग, दुदेजा मेल डायरेक्टर ने लिखे थे। वह बहुत फेमिनिस्ट है। फेमिनिस्ट होने का मतलब यह नहीं है कि आप मर्दों की बुराई करने वाली औरत हैं।
उन्होंने आगे कहा, "कई पुरुष तुरंत फेमिनिज़्म से दूर भागते हैं। ऐसा नहीं है कि वे इसके बेसिक सिद्धांतों से सहमत नहीं हैं, बल्कि वे इसे समझते नहीं हैं। उदाहरण के लिए, आजकल हम ऐसी रील देखते हैं जहाँ एक लड़का दूसरे लड़के से पूछता है, 'क्या तुम फेमिनिस्ट हो? और दूसरा कहता है, 'नहीं, मैं फेमिनिस्ट नहीं हूँ।Ó ओह, तुम क्या हो? नहीं, हम फेमिनिस्ट नहीं हैं। बात यह है कि लोगों को यह भी नहीं पता कि इस शब्द का क्या मतलब है। यह जजमेंट की बात नहीं है, कि औरतें औरतों को जज करती हैं। यह एक स्टीरियोटाइप है कि औरतें औरतों की दुश्मन होती हैं।"
