इंदौर। इंदौर में रहने वाले और अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जावेद सिद्दीकी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। महू में उनके चार मंजिला मकान पर अवैध कंस्ट्रक्शन के मामले में कैंटोनमेंट बोर्ड ने कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। महू कैंट बोर्ड ने इस मकान पर हुए अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन को हटाने के लिए नोटिस जारी किया है और तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। अगर तय समय में कंस्ट्रक्शन नहीं हटाया गया तो अतिक्रमण हटाने के लिए सीधी कार्रवाई की जाएगी।
महू कैंट इलाके में मौजूद इस बहुमंजिला मकान पर कैंट बोर्ड की नजर थी। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि इस मकान में बिना परमिशन के एक अतिरिक्त मंजिल बनाई गई है, जो नियमों का उल्लंघन है। उन्हें पहले भी मौखिक निर्देश दिए गए थे, लेकिन उन्होंने उनका पालन नहीं किया। इसलिए, आखिरकार बोर्ड ने अब औपचारिक नोटिस जारी करके कड़ा रुख अपनाया है।
तीन दिन का अल्टीमेटम और खर्च की वसूली
कैंट बोर्ड के नोटिस के मुताबिक, मालिक तीन दिन के तय समय में खुद ही अवैध कंस्ट्रक्शन हटा लें। नहीं तो, बोर्ड खुद जेसीबी का इस्तेमाल करके उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा। इतना ही नहीं, इस कार्रवाई का खर्च भी घर के मालिक से वसूला जाएगा। इस नोटिस से इलाके में विवाद खड़ा हो गया है। हाल ही में हुए दिल्ली ब्लास्ट केस में अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले एक व्यक्ति का नाम सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी चर्चा में आई थी।
मामले को दिल्ली ब्लास्ट केस से जोड़ा जा रहा है
इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट और उससे जुड़े लोग कई जांच एजेंसियों की नजर में हैं। कुछ लोग यूनिवर्सिटी चेयरमैन जावेद सिद्दीकी के घर पर हो रही कार्रवाई को दिल्ली ब्लास्ट केस से भी जोड़ रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कैंटोनमेंट एरिया में कंस्ट्रक्शन के नियम बहुत सख्त हैं और बिना इजाजत कोई भी अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन करना दंडनीय अपराध है। नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कैंट बोर्ड की टीम लगातार इलाके का सर्वे कर रही है।
कार्रवाई पर सबकी नजर
जावेद सिद्दीकी के घर पर हो रही संभावित कार्रवाई को लेकर एडमिनिस्ट्रेटिव लेवल पर भी उत्साह है। अब इस बात पर ध्यान केंद्रित है कि नोटिस खत्म होने के बाद बोर्ड वाकई बुलडोजर चलाएगा या घर का मालिक खुद कंस्ट्रक्शन हटाने की कोशिश करेगा और राहत पाएगा।
