सोने की बजाय चाँदी की कीमत 'रॉकेट' की गति से क्यों बढ़ रही है?

  


नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों के आँकड़ों पर नजऱ डालें तो चाँदी ने प्रगति के मामले में सोने को पीछे छोड़ दिया है। और भविष्य में भी यह वृद्धि जारी रहने की संभावना है। सोने-चाँदी की कीमत: पिछले कुछ वर्षों के आँकड़ों पर नजऱ डालें तो चाँदी ने प्रगति के मामले में सोने को पीछे छोड़ दिया है। और भविष्य में भी यह वृद्धि जारी रहने की संभावना है।


चाँदी अब केवल एक आभूषण नहीं रह गई है, बल्कि आधुनिक तकनीक और उद्योगों के लिए एक अनिवार्य धातु बन गई है। एक इलेक्ट्रिक कार बनाने में 29 से 50 ग्राम चाँदी लगती है, जो एक सामान्य कार की तुलना में लगभग तीन गुना है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती माँग चाँदी की माँग को भी बढ़ा रही है। प्रत्येक सौर पैनल के लिए लगभग 15 से 20 ग्राम चाँदी की आवश्यकता होती है। दुनिया भर में सौर ऊर्जा संयंत्रों के तेज़ी से निर्माण के कारण, चाँदी की माँग में भारी वृद्धि हुई है। चाँदी का उपयोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता (्रढ्ढ), रोबोट और डेटा केंद्रों को चलाने वाले कंप्यूटरों के चिप्स में किया जाता है। जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है, चाँदी की माँग भी तेज़ी से बढ़ रही है।



चाँदी विद्युत का सबसे अच्छा सुचालक है। इसका उपयोग चिप्स, फ्य़ूज़ और 5त्र टावरों में किया जाता है। कोई भी अन्य धातु चाँदी की जगह नहीं ले सकती। भविष्य की बैटरियों और हाइड्रोजन ईंधन कोशिकाओं में भी चाँदी का उपयोग बढ़ रहा है। यही भविष्य में चाँदी की माँग के प्रमुख कारण बन रहा है। चूँकि चाँदी के अलावा विद्युत का संचालन करने वाली कोई अन्य प्रभावी धातु नहीं है, इसलिए कीमत चाहे कितनी भी बढ़ जाए, कारखानों के पास चाँदी के अलावा कोई विकल्प नहीं है।



बढ़ती कीमतों के कारण, कुछ बड़े बैंक सोने के बाद भविष्य के लिए चाँदी का भंडार तैयार कर रहे हैं। सोना बहुत महंगा हो जाने के कारण, लोग अब छोटे चांदी के सिक्कों और ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। चीन, रूस और ब्रिक्स जैसे देश अब अमेरिकी डॉलर की बजाय सोना और चांदी ज़्यादा खरीद रहे हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर चांदी का महत्व बढ़ रहा है। भारत में चांदी के सिक्कों की माँग फिर से बढ़ रही है। साथ ही, कुछ क्रिप्टो प्रोजेक्ट चांदी पर आधारित डिजिटल टोकन बना रहे हैं, जो निवेशकों के लिए चांदी को एक अच्छा विकल्प बना सकते हैं।


चांदी ज़्यादातर तांबे या जस्ता की खदानों से उप-उत्पाद के रूप में प्राप्त होती है। इसलिए, माँग बढऩे पर भी इसकी आपूर्ति उसी दर से नहीं बढ़ सकती। बड़े बैंकों और कॉमेक्स जैसी तिजोरियों में चांदी का भंडार दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है। वर्तमान में, केवल 2 साल का चांदी का भंडार बचा है, जिसका भविष्य में कीमत पर असर पड़ सकता है। चांदी का इस्तेमाल गहनों से लेकर मशीनों, स्मार्टफोन और यहाँ तक कि दवाओं तक, हर जगह होता है। चांदी कीटाणुओं को मारने में माहिर है, इसलिए इसका इस्तेमाल अस्पतालों में ड्रेसिंग, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों में किया जाता है। इन सभी कारणों से चांदी की मांग में काफी वृद्धि हो रही है और भविष्य में इसकी कीमतें आसमान छूने की संभावना है।


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