जगदलपुर । छत्तीसगढ़ में माओवादी नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है। संगठन के केंद्रीय कमेटी मेंबर (सीसीएस) सोनू दादा उर्फ भूपति ने 60 साथियों के साथ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। बता दें कि खूंखार नक्सली भूपति पर डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम था। नक्सलियों ने लगभग 50 हथियार भी गढ़चिरौली पुलिस के हवाले किए हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 3 ष्ठ्यसर््ंष्ट मेंबर और 10 डीवीसीएम सदस्य शामिल हैं।
खूंखार नक्सली भूपति 5 राज्यों की पुलिस के निशाने पर था
यह माओवादी संगठन के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है। खूंखार नक्सली भूपति पांच राज्यों की पुलिस के निशाने पर था। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा पुलिस तलाश कर रही थी। कई बड़ी नक्सली घटनाओं शामिल में रहा है। भूपति गढ़चिरौली में नक्सलियों के पोलित ब्यूरो मेंबर भी था। ये नक्सली हथियार समेत आत्मसमर्पण करने की बात पहले की कह चुके थे। सोनू दादा के बयान के बाद नक्सलियों में दो फाड़ हो गई थी। अब कई और नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल पुलिस की ओर से आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से पूछताछ जारी की जा रही है।
गढ़चिरौली में किया आत्मसमर्पण
नक्सलियों को लीडर करने वाले सीसीएम मेंबर ने आज अपने 60 साथियों के साथ मिलकर महाराष्ट्र राज्य के गढ़चिरौली में आत्मसमर्पण कर दिया, इस समर्पण के साथ ही नक्सली टीम पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। अब गिने चुने ही टॉप नक्सली बचे हुए है, जो पुलिस के टॉप लिस्ट में है, उन्हें भी सरेंडर करने की बात कही जा रही है। बता दें कि नक्सली संगठन के शुरुआत से ही सोनू दादा उर्फ भूपति उसका बड़ा भाई किशन जी, भाभी सुजाता के अलावा सोनू दादा की पत्नी जुडी हुई थी, जहां लंबे समय से पूरा परिवार नक्सलियों की विचारधारा से जुड़कर काम कर रहे थे। सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर के अलावा राज्य हर बड़ी घटनाओं में शामिल थे। धीरे-धीरे इनका नाम हर जगह गूंजने लगा।
टॉप लीडर किशन जी का छोटा भाई था भूपति
नक्सलियों के टॉप लीडर किशन जी को पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया। किशन जी की मौत के बाद उनकी पत्नी सुजाता काफी अकेले हो गई, जिसके बाद उसने तेलंगाना में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया। वहीं सोनू दादा की पत्नी तारक्का ने भी करीब छह माह पहले गढ़चिरौली में आत्मसर्पण कर दिया था। पत्नी के बार-बार सोनू दादा को आत्मसमर्पण के लिए कहा जा रहा था, जिसके बाद सोनू ने अपने 60 साथियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया।
टूट गई संगठन
देखा जाए तो भूपति उर्फ सोनू दादा ने संगठन में हर बड़े से बड़े घटनाओं में शामिल होकर काम किया, लेकिन लगातार संगठन में चल रहे दो फाड़ के चलते सोनू दादा अकेले हो गए। वहीं सोनू ने अपने दुख को साझा करते हुए कुछ दिन पहले समर्पण करने की बात कही और आखिरकार आज समर्पण कर दिया।
मिशन 2026 का डर
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मिशन 2026 में नक्सलियों के खात्मे की बात कही गई है। वहीं लगातार नक्सलियों के लीडर के खिलाफ चल रहे मुहिम के चलते किशन जी एनकाउंटर में मारा गया, सुजाता ने सरेंडर कर दिया, बसवराज भी मारा गया, नक्सली संगठन के टूट जाने से अब सोनू दादा उर्फ भूपति ने भी सरेंडर कर दिया।
पहले दंतेवाड़ा जिले में 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया
इससे पहले दंतेवाड़ा जिले में 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। इसमें 21 महिला नक्सली और 50 पुरुष नक्सली शामिल थे। सरेंडर करने वाले 30 नक्सलियों पर 64 लख रुपए का इनाम था। डेढ़ साल में करीब 400 नक्सली मारे गए हैं। इनमें बस्तर के नक्सली ज्यादा हैं।
मार्च 2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद, बस्तर का होगा विकास:सीएम साय
रमोस्ट वांटेड नक्सली मोझुल्ला उर्फ भूपति उर्फ सोनू दादा ने लगभग 60 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। नक्सल आत्मसमर्पण को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, पूरे देश को मालूम है कि नक्सलवाद के साथ हमारे जवान मजबूती के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं. लगातार सफलता भी मिल रही है। सीएम ने कहा, मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद को समाप्त करना देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री का संकल्प है. पूरा भरोसा है कि उनका संकल्प जरूर पूरा होगा. जो छत्तीसगढ़ के विकास में अवरोध बना था वह समाप्त होगा। इससे छत्तीसगढ़ विशेषकर बस्तर में विकास होगा।