किसी भी सरकार को किसी भी जाति को दूसरी जाति में डालने का अधिकार नहीं है...!



-'यह अधिकार किसी सरकार का नहीं है, हम अदालत जाएँगे: छगन भुजबल 

मुंबई। राज्य सरकार ने मंगलवार को मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे की माँगें मान लीं। उन माँगों के संबंध में सरकारी आदेश भी जारी कर दिया गया। इसके बाद, मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल ने आरक्षण के मुद्दे पर मुंबई के आज़ाद मैदान में अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और मंत्री छगन भुजबल ने आज (बुधवार) इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। भुजबल ने मीडिया से बात करते हुए कहा किसी को भी इस फैसले की उम्मीद नहीं थी। किसी भी सरकार को किसी भी जाति को उठाकर दूसरी जाति में डालने का अधिकार नहीं है। जाति बदली नहीं जा सकती। हम अदालत जाएँगे।

भुजबल ने कहा हम ओबीसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस संबंध में बहुत संदेह है। हम सोच रहे हैं कि कौन हारेगा? कौन जीतेगा? हम इस संबंध में कानूनी सलाह ले रहे हैं। इसका क्या मतलब है? क्योंकि किसी भी सरकार को किसी भी जाति को उठाकर दूसरी जाति में डालने का अधिकार नहीं है। जाति बदली नहीं जा सकती, है ना? इस पर क्या आप इस मामले में अदालत जाएँगे? पूछे जाने पर भुजबल ने जवाब दिया, 'हाँÓ।


इस बीच जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या ये सभी माँगें उप-समिति ने मान ली हैं, जो आयोग के ज़रिए होनी चाहिए थीं, तो भुजबल ने कहा मुझे लगता है। कुछ लोग कहते हैं कि आपत्तियाँ माँगी जानी चाहिए थीं। कुछ लोग कहते हैं कि क्या उन्हें अधिकार है? अब देखते हैं कि ये सब क्या है। हम इस पर विचार कर रहे हैं। इतना ही नहीं, भुजबल ने इस दौरान यह भी कहा कि किसी को भी इस तरह के फैसले की उम्मीद नहीं थी।

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