नेपाल में भारतीय बस पर हमला, यात्रियों से लूटपाट, पर्यटकों को विमान से वापस लाया गया


नई दिल्ली। नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध ने हिंसक रूप ले लिया है। मंत्रियों के आवासों में आग लगा दी गई है और संसद पर भी हमला किया गया है। तीन दिन बाद भी, वहाँ के हालात नहीं सुधर रहे हैं। सरकार विरोधी प्रदर्शनों के नाम पर अपराधियों को मौका मिल गया है। गुरुवार को काठमांडू के पास भारतीय यात्रियों से भरी एक बस पर हमला हुआ और यात्रियों का सामान लूट लिया गया। इस हमले में कई यात्री घायल भी हुए। पुलिस के अनुसार, बस में सवार ज़्यादातर लोग आंध्र प्रदेश के थे। वे काठमांडू में पशुपतिनाथ के दर्शन करके भारत लौट रहे थे। बस का नंबर उत्तर प्रदेश का था।


प्राप्त जानकारी के अनुसार, हमलावरों ने पहले बस पर पथराव किया और फिर यात्रियों के मोबाइल फोन और अन्य कीमती सामान लूटना शुरू कर दिया। बस में सवार कम से कम 8 यात्री घायल हो गए। नेपाली सेना के जवानों ने यात्रियों की मदद की। इसके बाद भारतीय दूतावासों को सूचित किया गया। सभी यात्रियों को काठमांडू से हवाई मार्ग से दिल्ली लाया गया। ड्राइवर ने बताया कि जब हमला हुआ, तब उनकी बस उत्तर प्रदेश में महाराजगंज के पास सोनौली सीमा पर पहुँच चुकी थी।


ड्राइवर राज ने कहा कि हमलावरों ने बस की कोई खिड़की नहीं तोड़ी। नेपाल में बिगड़ते हालात को देखते हुए उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में अलर्ट जारी कर दिया गया है। तीनों राज्यों में नेपाल की सीमा से लगे जि़लों में एहतियात बरती जा रही है। भारत में फंसे नेपाली नागरिकों को सत्यापन के बाद वापस भेजा जा रहा है। नेपाल में फंसे भारतीय नागरिक भी धीरे-धीरे वापस लौट रहे हैं। काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने इसकी व्यवस्था की है।


नेपाल की जेल से कैदी फरार

नेपाल की एक जेल से भागने और भारत में घुसने की कोशिश कर रहे लगभग 60 संदिग्ध नेपाली कैदियों को सशस्त्र सीमा बल  के जवानों ने भारत-नेपाल सीमा पर पकड़ लिया। एसएसबी के जवानों ने उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में भारत-नेपाल सीमा पर इन संदिग्ध नेपाली कैदियों को पकड़ा। भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा का जि़म्मा संभालने वाली एसएसबी इस स्थिति को देखते हुए हाई अलर्ट पर है।

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