भारत में हरित ऊर्जा, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में निवेश के बेहतरीन अवसर


टोक्यो। भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता तथा नीतियों में पारदर्शिता ने इसे विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से हरित ऊर्जा, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी में निवेश का एक बेहतरीन केंद्र बना दिया है। उन्होंने यह बयान टोक्यो में आयोजित भारत-जापान आर्थिक मंच सम्मेलन में दिया, जहाँ वे जापान की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। अमेरिका द्वारा लगाए गए 50त्न टैरिफ के भारतीय अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले संभावित प्रभाव को लेकर चिंताएँ व्यक्त की जा रही हैं। इस संबंध में, मोदी ने कहा कि अगर जापानी तकनीक और भारतीय प्रतिभाएँ एक साथ आएँ, तो हम सदी की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करेंगे।


जापान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महाशक्ति है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जापान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महाशक्ति है और भारत प्रतिभा का एक बड़ा स्रोत है। दोनों देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटर, बायोटेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक-दूसरे के साथ और अधिक सहयोग कर सकते हैं। चाहे मेट्रो नेटवर्क हो, मैन्युफैक्चरिंग हो, सेमीकंडक्टर हो या स्टार्टअप, जापान ने भारत के साथ सहयोग किया है। भारत 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा का लक्ष्य है।


बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है

प्रधानमंत्री नरेंद्र ने कहा कि टोक्यो स्थित शोरिज़ान दारुमा मंदिर के मुख्य पुजारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक शुभ दारुमा गुडिय़ा भेंट की।


जापान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महाशक्ति है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जापान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महाशक्ति है और भारत प्रतिभा का एक बड़ा स्रोत है। दोनों देश कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अर्धचालक, क्वांटम कंप्यूटर, जैव प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक-दूसरे के साथ और अधिक सहयोग कर सकते हैं। चाहे मेट्रो नेटवर्क हो, विनिर्माण हो, अर्धचालक हो या स्टार्टअप, जापान ने भारत के साथ सहयोग किया है। भारत 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा का लक्ष्य है।

भारत में बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है। 160 से ज़्यादा हवाई अड्डे हैं। एक हज़ार किलोमीटर से ज़्यादा मेट्रो लाइनें बनाई जा चुकी हैं। जापान के तीसरे सहयोग से मुंबई-अहमदाबाद बुलेट हाई-स्पीड रेल परियोजना पर भी काम चल रहा है। जापानी कंपनियों ने अब तक भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है।

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