ईडी, एसीबी की एफआईआर को दी चुनौती, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब


रायपुर। धान की खरीदी से लेकर चावल बनाने और उसको हैंडओवर करने की पूरी प्रक्रिया के दौरान हर चरण में गड़बड़ी की गुंजाइश रहती है। पिछले 20 सालों से छत्तीसगढ़ में यह पूरी प्रक्रिया विवादों में घिरी रही है।  छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक घोटाले न सिर्फ उजागर हो रहे हैं बल्कि, उनकी जांच में भी तेजी आई है। इसी कड़ी में अब मार्कफेड में कस्टम मिलिंग के चावल की हेराफेरी का मामला भी हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में करोड़ों रुपए का घोटाला होने की बात कही जा रही है। मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी ने याचिका दायर कर ईडी और एसीबी की एफआईआर  को चुनौती दी है। सोनी ने साथ ही अंतरिम राहत भी मांगी है। सोनी की याचिका पर हाईकोर्ट न३

े ईडी और राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले को हाईकोर्ट 23 अप्रैल को सुनेगा।

उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ में चावल घोटाले पर ईडी ने आईटी की शिकायत पर जांच शुरू की है। जांच के दौरान संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1 करोड़ 6 लाख कैश मिला है। आयकर छापों में विभाग को जानकारी मिली थी कि, छत्तीसगढ़ के कुछ अधिकारियों ने राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ मिलीभगत की है। मार्कफेड से जुड़े अफसरों और कर्मचारियों ने साजिश रचकर करोड़ों की रिश्वत लेकर मिलर्स को फायदा पहुंचाया है।

ईडी ने पूर्व एमडी समेत कई अन्य को बनाया आरोपी

धान की कस्टम मीलिंग के नाम पर करोड़ों रुपए की गड़बड़ी सामने आने के बाद 16 जनवरी 2024 को ईडी ने एसीबी में शिकायत की। ईडी की शिकायत पर एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मार्कफेड के पूर्व एमडी सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। 

सोनी ने एफआईआर को अवैध बताते हुए दायर की याचिका

इस गड़बड़झाले की जांच आगे बढऩे पर मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी ने ईडी और एसीबी की कार्रवाई को चुनौती दी है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में साने ने एफआईआर को ही अवैधानिक कहा है। सोनी ने कोर्ट से अंतरिम राहत भी मांगी है। सोनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस टीपी शर्मा की बेंच ने ईडी और एसीबी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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