हमास-इजरायल युद्ध पर शरद पवार के बयान से अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी



मुंबई। इजराइल और हमास जारी है। इस जंग पर सांसद शरद पवार ने बयान दिया है। इसके चलते अब राजनीतिक गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, रविवार को एनसीपी के एक कार्यक्रम में सांसद शरद पवार ने युद्ध के मुद्दे पर भारत सरकार के रुख को लेकर कहा, मुझे नहीं लगता कि भारत सरकार इजरायल का 100 फीसदी समर्थन कर रही है।

भारत सरकार के आधिकारिक बयान पर नजर डालें तो भारत सरकार 100 फीसदी इजराइल के साथ नहीं है। उनके बयान से ऐसा ही लगता है लेकिन प्रधानमंत्री के बयान से साफ  पता चलता है कि वह इजराइल के साथ हैं। यह बहुत ही संवेदनशील विषय है।

पवार ने यह भी कहा कि सरकार को इस मामले में कोई भी फैसला लेते समय अफगानिस्तान, ईरान, यूएई और खाड़ी देशों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी कड़ी आलोचना की है।

हिमंत सरमा ने कहा था कि शरद पवार को अपनी बेटी सुप्रिया सुले को गाजा में हमास के लिए लडऩे के लिए भेजना चाहिए। इस पर अब एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने जवाब दिया है। सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, मैं हिमंत सरमा के बयान से हैरान हूं। उन्होंने कहा कि मेरा और हिमंत बिस्वा सरमा का डीएनए एक ही है। दोनों पहले कांग्रेस में थे।

उन्हें इस बात की खुशी थी कि कांग्रेस से बीजेपी में आए उनके एक दोस्त बीजेपी में शामिल हुए और मुख्यमंत्री बने। सुप्रिया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी में महिलाओं के साथ अपमानजनक व्यवहार किया जाता है। सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, बीजेपी के आईटी सेल को यह समझने की जरूरत है कि शरद पवार ने क्या कहा है।

इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर महाराष्ट्र में शुरू हुए इस सियासी घमासान में एक तरफ जहां बीजेपी इजराइल के साथ खड़ी नजर आ रही है, वहीं दूसरी तरफ ज्यादातर गैर-बीजेपी पार्टियां फिलिस्तीन के समर्थन में खुलकर बयान दे रही हैं। सांसद शरद पवार से नाराज असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सुप्रिया सुले पर टिप्पणी की थी। सरमा ने कहा था कि, 'मुझे लगता है कि शरद पवार सांसद सुप्रिया सुले को गाजा में हमास के लिए लडऩे के लिए भेजेंगे, अब आरोप लगाए जा रहे हैं।

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