भारत में मंकीपॉक्स से पहली मौत, 22 वर्षीय युवक की गई जान


तिरुवनंतपुरम।  भारत में प्रवेश कर चुके मंकीपॉक्स ने अब अपना पहला शिकार होने का दावा किया है। चेचक से 22 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है। इसलिए हड़कंप मच गया है। देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल में सामने आया है, जहां देश की पहली मंकीपॉक्स से मौत हुई है। कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स का डर है।

मंकीपॉक्स से मरने वाला युवक 22 जुलाई को यूएई से भारत आया था। उसके बाद उनमें मंकीपॉक्स जैसे लक्षण विकसित हो गए। उन्हें 27 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 30 जुलाई को उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद, उनके नमूने परीक्षण के लिए पुणे में एनआईवी भेजे गए थे। जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसका मतलब है कि इस युवक को मंकीपॉक्स हो गया है और यह स्पष्ट है कि उसकी मौत मंकीपॉक्स वायरस से हुई है, एएनआई ने ट्वीट किया है कि सूत्रों ने जानकारी दी है।

केरल, दिल्ली में मंकीपॉक्स

देश में मंकीपॉक्स के तीन मामले केरल में और एक दिल्ली में है। 14 जुलाई को केरल के कोल्लम में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था। यह भारत में मंकीपॉक्स का पहला मरीज है। उसे तेज बुखार था और पूरे शरीर पर रैशेज थे। वह 12 जुलाई को यूएई से भारत आया था। वह यूएई में एक मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज के संपर्क में आया था।

फिर 18 जुलाई को कन्नूर में एक और मरीज मिला। 31 वर्षीय मरीज भी दुबई से आया था। वह 13 जुलाई को दुबई से लौटा और उसमें धीरे-धीरे लक्षण दिखने लगे। उसके लक्षण पहले मरीज जैसे ही थे। मलप्पुर का तीसरा मरीज जो 22 जुलाई को मिला था वह भी यूएई से लौटा है। वह 6 जुलाई को यूएई से भारत पहुंचा और 13 जुलाई को लक्षण दिखने लगे।
 
उसके बाद देश में चौथा मरीज दिल्ली में मिला। मरीज की उम्र 34 साल है और उसने कभी विदेश यात्रा नहीं की है। लेकिन उन्होंने एक शादी की पूर्व संध्या पर हिमाचल प्रदेश के मनाली में एक बैचलर पार्टी में शिरकत की। बिना विदेश यात्रा के यह देश का पहला मरीज है

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