छत्तीसगढ़ सरकार अब खरीदेगी गोमूत्र, जानिए क्या होगी प्रति लीटर की कीमत ?


-इस योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट होगा शुरू 

रायपुर/एनपीन्यूज। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार गोमूत्र की खरीद की योजना पर काम कर रही है। बघेल सरकार किसानों और पशुपालकों से गोमूत्र खरीदेगी। अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तहत आने वाले हफ्तों में राज्य के कई जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। पशुपालन को आर्थिक रूप से व्यवहार्य व्यवसाय से जोडऩे के लिए राज्य सरकार पहले से ही किसानों से गोबर खरीद रही है।


इसी साल फरवरी के महीने में सरकार ने गोमूत्र खरीदने का फैसला किया था। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया था, कमेटी को गोमूत्र खरीद की विधि और पूरी योजना पर शोध करने का काम सौंपा गया था। अब कमेटी ने प्रस्ताव तैयार किया है और इसे जल्द ही मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। बताया जाता है कि समिति ने गोमूत्र के दाम में 4 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है।


मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंजूरी अभी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि गोमूत्र की खरीद ग्राम गोठान समिति के माध्यम से की जायेगी। साथ ही खरीद योजना के तहत सबसे पहले जिन गायों का आर्डर दिया जाएगा उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। मामले की जानकारी रखने वाले एक अन्य प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि सरकार 28 जुलाई को योजना शुरू कर सकती है। हरेली, एक स्थानीय त्योहार, इस दिन यहाँ मनाया जाता है।


इस बीच बघेल सरकार ने 25 जून 2020 को गौधन न्याय योजना शुरू की थी। दावा किया गया कि खुले में पशुओं के चरने से फसलों को नुकसान हो रहा है। सड़क पर खुले पशुओं के कारण दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। जीवन और धन की हानि के अलावा दूध न देने वाली गाय को छोड़ दिया जाता है। इसलिए पशुपालन को लाभदायक व्यवसाय बनाने के उद्देश्य से किसानों एवं पशुपालकों से गोबर खरीदने की योजना बनाई गई।


इसके साथ ही बघेल सरकार का दावा है कि उसने भारी मात्रा में गोबर की खरीद की है. जिससे वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो सके। अब गोमूत्र का उपयोग जैविक कीटनाशक बनाने में होने जा रहा है। राज्य में कई जगहों पर बायोपेस्टीसाइड्स का निर्माण किया जा रहा है।

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