डॉ.खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को जगाने और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने वाले अग्रणी नेता थे: मुख्यमंत्री


 रायपुर  मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि डॉ.खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को जगाने और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने वाले अग्रणी नेता थे। छत्तीसगढ़ के खान पान, रहन-सहन, बोली, भाषा को ऊपर उठाने में हमारे जिन महापुरुषों ने योगदान दिया, उनमें डॉ. खूबचन्द बघेल सदैव अग्रणी रहे। उन्होंने जीवनभर किसानों, आदिवासियों के हितों की रक्षा और उनके उत्थान के लिए संघर्ष किया।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर में आयोजित डॉ. खूबचंद बघेल जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। जयंती समारोह का आयोजन फूल चौक स्थित व्यावसायिक परिसर में किया गया। उन्होंने डॉ. खूबचंद बघेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, महापौर रायपुर श्री एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केंद्रीय अध्यक्ष श्री चोवाराम वर्मा, पूर्व राज्यसभा सदस्य श्रीमती छाया वर्मा सहित समाज के अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. बघेल छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत थे। उनकी गिनती छत्तीसगढ़ के प्रथम पंक्ति के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में होती है। वे ऐसे बिरले फ्रीडम फाइटर रहे, जिनकी मां एवं पत्नी तथा स्वयं उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल की यात्राएं की । डॉ. बघेल एक अच्छे राजनेता रहे, उन्होंने विधायक, सांसद, संसदीय सचिव, नेता प्रतिपक्ष जैसे पदों में रहते हुए विधानसभा और लोकसभा में  आम जनता की आवाज बुलंद की। उन्होंने पंक्ति तोड़ो, नाता जोड़ो का नारा देकर समाज में व्याप्त विसंगतियों और कुरीतियों को दूर करने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए पहली आवाज डॉ. खूबचंद बघेल ने उठाई। समाज मे जहां भी शोषण, अत्याचार हुए डॉ. साहब ने विरोध किया। उन्होंने सदैव आदिवासी, मजदूर, किसान वर्ग पर होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई।

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