नेताप्रतिपक्ष को सदन में बोलने नहीं देने पर भाजपा सदस्यों ने जतायी नाराजगी

0-अजय चंद्राकर ने कहा-हम सभी सदन में उपस्थित रहेंगे पर प्रश्र नहीं करेंगे

0-संसदीय कार्यमंत्री ने इस पर कहा-कहीं चूक हुई है पर इसे भविष्य में परंपरा बनने नहीं देंगे, सम्मान का पूरा ध्यान रखेंगे

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के सत्र के तीसरे की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्यों ने नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को सत्र के दूसरे दिन सदन में बोलने नहीं देने की बात पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि हम जनादेश का सम्मान करते हुए सदन में उपस्थिति रहेंगे पर प्रश्र नहीं पूछेंगे। इस पर संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कहीं कोई चूक जरूर हुई है पर पूरा सदन हृदय से नेताप्रतिपक्ष का सम्मान करता है और ऐसी परंपरा भविष्य में बनने नहीं देंगे। 

आज प्रश्रकाल जैसे ही शुरू हुआ भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी सिंह मंडावी का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि सदन में चाहे मुख्यमंत्री हो पूर्व मुख्यमंत्री  हो या फिर नेताप्रतिपक्ष वे कभी भी खड़े होकर अपनी बातें रख सकते है। उन्हें अपनी बातें रखने के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन जिस तरह से सत्र के दूसरे दिन सदन में उन्हें अपनी बातें रखने का मौका नहीं दिया जाना एक प्रकार से उनका अपमान है। श्री चंद्राकर ने कहा कि सदन में विपक्ष के नेता के साथ यदि ऐसा आचरण किया जाएगा तो यह व्यवस्था उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार सदन में हुआ है जिससे हम अपमानित महसूस कर रहे है इसलिए भाजपा सदस्यों ने निर्णय लिया है कि वे जनादेश का सम्मान करते हुए सदन में उपस्थित रहेंगे लेकिन प्रश्र नहीं पूछेंगे। 

संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने इस मामले में कहा कि सदन में कहीं कोई त्रुटि हो गई है। किसी की मंशा नहीं थी अपमान करने का। श्री चौबे ने कहा कि नेताप्रतिपक्ष का जितना आप सम्मान करते है उतना ही सम्मान हम सभी भी हृदय से करते है। विपक्ष अगर सदन में सत्ता पक्ष की आलोचना करती है तो उसे हम सुझाव के रूप मेंं मानते है। अगर आप लोग प्रश्र नहीं करेंगे तो यह  उचित नहीं होगा। श्री चौबे ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी परंपरा न बने इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा और नेताप्रतिपक्ष के सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

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