राममंदिर से सर्वोच्च मानवीय मर्यादा की पुनप्र्रतिष्ठा: नायडू


नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि अयोध्या में राम जन्म स्थान पर राम मंदिर के निर्माण से सत्य, नैतिकता तथा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन चरित्र की सर्वोच्च मानवीय मर्यादाओं की पुनप्र्रतिष्ठा की जा रही है और यह सनातन तथा शाश्वत मूल्यों का प्रतीक बन कर मार्गदर्शन करता रहेगा। नायडू ने बुधवार को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और ट्विटर पर कहा कि अयोध्या के राजा के रूप में श्रीराम ने सदाचरण और मर्यादाओं के उच्चतम प्रतिमान स्थापित किए जो जन साधारण और समाज के गणमान्य नागरिकों और सभी के लिए अनुकरणीय हैं। उनका आचरण और उनके द्वारा स्थापित नैतिक मूल्य आज भी भारत की मौलिक चेतना के अभिन्न अंग हैं।
उन्होंने कहा," श्रीराम क्षेत्र और जाति की संकीर्ण सीमाओं से ऊपर, सभी के लिए आज भी वंदनीय हैं। राम मंदिर के निर्माण की प्रासंगिकता सिर्फ धार्मिक न हो कर, उससे कहीं अधिक व्यापक है। यह राम मंदिर हमारे सनातन, शाश्वत मूल्यों का प्रतीक बन कर हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा। अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के अवसर पर नायडू ने अपनी पत्नी उषा नायडू तथा निजी सहायकों के साथ उप राष्ट्रपति-निवास पर रामायण का पाठ किया। इस अवसर पर उप राष्ट्रपति और उनके परिजनों ने अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए पांच लाख रुपए का दान दिया । उप राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि नायडू की पत्नी मुप्पावरापू ऊषाम्मा नायडू ने 10 लाख रुपए की यह राशि अपने परिजनों पुत्र हर्ष, पुत्रवधु श्रीमती राधा मुप्पावरापू, पुत्री दीपा वेंकट, दामाद वेंकट इम्मानी और अपने चार पौत्रों के योगदान से जुटाई है। नायडू ने पांच लाख रुपए का चेक पीएम केयर्स फंड और पांच लाख रुपए का चेक राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास को भेज दिया है।

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