शुरू में सिर्फ एक-तिहाई उड़ानें, किराये की सीमा तय करेगी सरकार


नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण दो महीने तक पूरी तरह बंद रहने के बाद एक-तिहाई घरेलू यात्री उड़ानें 25 मई से दुबारा शुरू हो रही हैं जिनका अधिकतम और न्यूनतम किराया सरकार की ओर से तय किया जायेगा तथा यात्रियों के लिए एक 'सेल्फ डिक्लेयरेशनÓ देना, हवाई अड्डे पर कम से कम दो घंटे पहले पहुंचना और आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज बताया कि 25 मई से नियमित यात्री उड़ानें शुरू की जा रही हैं। आरंभ में सिर्फ एक-तिहाई का ही परिचालन किया जायेगा। इस साल की ग्रीष्मकालीन समय-सारणी में हर एयरलाइंस के लिए मंजूर उड़ानों को इसके लिए आधार माना जायेगा। बाद में धीरे-धीरे उड़ानों की संख्या बढ़ाई जायेगी। किराये की सीमा तीन महीने के लिए लागू रहेंगी। दो मेट्रो शहरों को जोडऩे वाले मार्ग पर एयरलाइन के लिए एक-तिहाई उड़ानों का परिचालन अनिवार्य होगा। मेट्रो शहरों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद को शामिल किया गया है। क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत आवंटित मार्गों पर उड़ानों की संख्या कम करने की अनुमति नहीं होगी।
एक मेट्रो शहर और एक गैर-मेट्रो शहर को जोडऩे वाले मार्ग पर यदि साप्ताहिक उड़ानों की संख्या 100 से अधिक है तो वहां भी एयरलाइंस के लिए एक-तिहाई उड़ानों का परिचालन अनिवार्य होगा। मेट्रो तथा गैर मेट्रो शहरों को जोडऩे वाले ऐसे मार्ग जहां उड़ानों की संख्या 100 या इससे कम है ऐसे सभी मार्गों को मिलाकर कुल एक-तिहाई उड़ानों का परिचालन करना होगा। दो गैर-मेट्रो शहरों को जोडऩे वाले मार्गों पर भी एयरलाइन को अपनी कुल उड़ानों के एक-तिहाई का परिचालन करना होगा। मार्ग के चयन की छूट एयरलाइन को होगी। कोरोना वायरस 'कोविड-19Ó महामारी की स्थिति का नाजायज फायदा उठाने से विमान सेवा कंपनियों को रोकने के लिए सरकार ने हवाई किराये की न्यूनतम और अधिकतम सीमा तय करने का फैसला किया है।
नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने बताया कि उड़ानें कम होने से सीटों की उपलब्धता घटेगी जबकि मांग अधिक है। ऐसे में किराये में तेज बढ़ोतरी की आशंका थी। इसी के मद्देनजर सरकार ने 25 मई से 24 अगस्त तक के लिए नयी व्यवस्था की है जिसमें उड़ान के समय के हिसाब से अधिकतम और न्यूनतम किराया तय करने का फैसला किया गया है। दिल्ली-मुंबई मार्ग पर न्यूनतम किराया 3,500 रुपये और अधिकतम किराया 10,000 रुपये होगा।
पुरी ने बताया कि न्यूनतम किराया तय करने के लिए संबंधित मार्गों पर रेलवे के किराये को आधार बनाया गया है। उड़ान समय के आधार पर सात सेक्शन बनाये गये हैं। हर सेक्शन के लिए एक सा अधिकतम और न्यूनतम किराया होगा। एयरलाइंस के लिए किसी मार्ग पर अधिकतम और न्यूनतम किराये के औसत से कम दाम पर कम से कम 40 प्रतिशत सीटों की बुकिंग अनिवार्य होगी। पहला सेक्शन 40 मिनट से कम की उड़ानों के लिए है। चालीस मिनट से एक घंटे की उड़ान को एक सेक्शन में रखा गया है। इसके बाद एक सेक्शन एक से डेढ़ घंटे का, डेढ़ से दो घंटे का एक सेक्शन, दो से ढाई घंटे का एक सेक्शन, ढाई से तीन घंटे का एक सेक्शन और तीन से साढ़े तीन घंटे का एक सेक्शन होगा। हर सेक्शन के लिए अधिकतम और न्यूनतम किराये का विवरण नागरिक उड्डयन मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जायेगा।

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