कागज को आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में शामिल करने की मांग


नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रसार रोकने के लिए मौजूदा देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ाने पर सरकार के विचार करने के बीच भारतीय कागज उद्योग ने कागज को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल करते हुए लॉकडाउन के प्रतिबंधों से छूट देने की मांग की है। इंडियन पेपर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईपीएमए) ने इस संबंध में सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि कागज अपने अलग-अलग रूप में लोगों के दैनिक जीवन का अहम अंग है और इसे लॉकडाउन के दौरान छूट वाली आवश्यक सेवाओं में शामिल किया जाना चाहिए।
आईपीएमए के अध्यक्ष ए एस मेहता ने कहा कि कागज मिल सतत उत्पादन प्रक्रिया वाली इकाइयां हैं और इसलिए इन्हें लॉकडाउन से छूट मिलनी चाहिए। हालांकि कुछ राज्यों में सतत उत्पादन प्रक्रिया वाले उद्योगों की परिभाषा बहुत स्पष्ट नहीं है। इस उलझन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार से अपील की गयी है कि सभी राज्य सरकारों को निर्देश दे कि एकीकृत पेपर मिल को सतत उत्पादन प्रक्रिया वाली इकाई मानते हुए काम करने की अनुमति दी जाये। आईपीएमए के मुताबिक कागज उद्योग को न केवल कार्यालयों और शिक्षण कार्यों में लिखने और छपाई करने वाले कागज की मांग को पूरा करना है बल्कि बड़े पैमाने पर लगभग सभी वस्तुओं की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले कागज (पेपर बोर्ड) की भी आपूर्ति करनी है। खासकर सभी तरह की आवश्यक वस्तुएं जैसे; एफएमसीजी उत्पादों, दवाओं, खाद्य पदार्थों, दूध के कार्टन आदि की पैकिंग में इसकी जरूरत होती है। टिश्यू पेपर का उत्पादन आवश्यक है क्योंकि यह साफ-सफाई में विशेष भूमिका निभा रहा है। घरों या अस्पतालों आदि में हेल्थ इमरजेंसी के दौरान यह काम आता है। न्यूजप्रिंट पेपर अखबारों की छपाई के लिए जरूरी है।
आईपीएमए ने कहा कि जब स्कूल और कॉलेज पुन: खुलेंगे तब नए सत्र के लिए बड़े पैमाने पर कॉपी, किताबों की जरूरत होगी। उससे पहले ही पूरी आपूर्ति चेन को दुरुस्त करने की जरूरत है, ताकि ग्राहकों को परेशान नहीं होना पड़े। यह भी ध्यान देने की बात है कि दुनियाभर में (चीन, इंडोनेशिया, यूरोप, अमेरिका आदि) पेपर मिलें काम कर रही हैं। कागज उद्योग की आपूर्ति चेन बहुत बड़ी है। इसमें कृषि वानिकी में लगे लाखों किसानों से लेकर कच्चे और तैयार माल की आपूर्ति में लगे परिवहन सेवा वाले और अंतिम उत्पाद का निर्माण करने वाले लोग शामिल हैं। कागज उद्योग को इसलिए भी शुरू किया जाना चाहिए क्योंकि इसकी आपूर्ति चेन बाधित होने से किसान भी प्रभावित हो रहे हैं। यद्यपि सरकार की तरफ से सभी वस्तुओं की आवाजाही को अनुमति है, जमीनी स्तर पर सभी वस्तुओं की आवाजाही में लगे ट्रकों, वैन आदि का राज्यों व शहरों के बीच आवागमन निर्बाध तरीके से होना चाहिए। आईपीएमए ने कहा कि पेपर मिलें अपने कर्मचारियों को उनके घरों में बैठे रहने की तुलना में काम के दौरान ज्यादा बेहतर और स्वच्छ माहौल दे सकती हैं।

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