कोरोना वायरस : बीएसपी ने चिकित्सकीय तैयारी को दिया अंजाम



भिलाई। इस्पात संयंत्र के जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने एवं इसके इलाज हेतु कई उपायों के साथ तैयारियों को अंजाम दिया गया है। नगर एवं इसके आसपास के संभावित कोरोना वायरस प्रभावित मरीजों को चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। इनमें प्रमुख हैं।

आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था

संयंत्र ने तत्काल कदम उठाते हुए जेएलएन हॉस्पिटल में चार आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की है। इन आइसोलेशन वाड्र्स में पूरी तैयारियों के साथ 86 बेड की व्यवस्था की गई है। संभावित मरीजों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने की स्थिति में चिकित्सकीय परीक्षण कर मरीजों को इस आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। इन आइसोलेशन वाडर््स में विभिन्न चिकित्सकीय उपकरणों की भी व्यवस्था की गई है।

फ्लू क्लीनिक की स्थापना

इसी क्रम में संभावित मरीजों के जांँच हेतु अलग से फ्लू क्लीनिक की व्यवस्था भी अस्पताल परिसर में किया गया है। इस विशेष क्लीनिक में प्रतिदिन लगभग 40 से 45 मरीजों की जाँंच की जाती है। इसका प्रारंभ 24 मार्च, 2020 को किया गया। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देने पर मरीजों को आगामी कार्यवाही हेतु शासकीय जिला अस्पताल, दुर्ग रेफर कर दिया जाता है।

मरीजों की थर्मल स्केनिंग

कोरोना वायरस के प्रारंभिक जाँच के तौर पर सेल-बीएसपी के जेएलएन हॉस्पिटल के केजुअल्टी तथा फ्लू क्लीनिक में आने वाले मरीजों की थर्मल स्केनिंग की व्यवस्था की गई है। जिससे दूर से ही मरीजों के शरीर का तापक्रम लिया जा सकता है।

क्वारेनटाइन सेन्टर

भिलाई इस्पात संयंत्र के टाउनशिप के सेक्टर-3 स्थित एमटीटी हॉस्टल-3 में क्वारेनटाइन सेन्टर की स्थापना की गई है, जहाँ कोरोना वायरस के संभावित मरीजों को चैदह दिनों तक एकांतवास में रखा जाता है। इस क्वारेनटाइन सेन्टर में आवश्यक बेड्स की व्यवस्था की गई है। साथ ही सेल-बीएसपी द्वारा क्वारेनटाइन में रहने वाले मरीजों के लिए खाने-पीने व सुविधापूर्ण प्रवास की पूरी व्यवस्था की गई है। इस सेन्टर में वर्तमान में 11 मरीजों को क्वारेनटाइन में रखा गया है।

डॉक्टर एवं नर्स की टीम

बीएसपी ने अपने जेएलएन चिकित्सालय में डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल स्टॉफ की एक विशेष टीम का गठन किया है। जिनके द्वारा आइसोलेशन के दौरान मरीजों की देखभाल व जाँच की जिम्मेदारी दी गई है। कोरोना वायरस के संभावित किसी भी मरीज का इलाज व जाँच हेतु जेएलएन चिकित्सालय ने जिला अस्पताल के साथ समन्वय स्थापित किया है और इस महामारी से मरीजों को बचाने के लिए जिला अस्पताल दुर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहा है।  क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दुर्ग जिले के लिए शासकीय जिला चिकित्सालय, दुर्ग को कोरोना वायरस के इलाज हेतु नोडल एजेंसी घोषित किया गया है। जहाँ कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के संबंध में कोई भी चिकित्सकीय निर्णय व दिशानिर्देश जिला चिकित्सालय, दुर्ग के मार्गदर्शन में ही किया जा रहा है।

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