नई दिल्ली। देश में 110 से अधिक निजी ट्रेनों के परिचालन की योजना के मद्देनजर शुक्रवार को राज्यसभा में इन ट्रेनों के लिए नियामक बनाये जाने की मांग की गयी। द्रमुक सदस्य तिरूची शिवा ने शून्यकाल के दौरान यह मांग करते हुये कहा कि भारतीय रेल के निजीकरण की शुरूआत हो गयी है। अगले कुछ वर्षों में भारतीय रेलवे की स्थिति सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया जैसी हो जायेगी और फिर इसका पूरा निजीकरण कर दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेल दुनिया का सबसे बड़ा एकल रेल नेटवर्क है लेकिन अब निजी ट्रेनों के परिचालन के माध्यम से इसका निजीकरण शुरू किया गया है। निजी ट्रेनों का परिचालन करने वालों को भी सरकार ही वेतन भत्ता देगी जबकि परिचालन करने वाले इसका ऊंचा किराया तय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र का ट्रेन अमीरों के लिए और सरकारी ट्रेन गरीबों के लिए हो जाये क्योंकि निजी ट्रेनों का किराया बहुत अधिक है। इन ट्रेनों के परिचालन के लिए नियामक बनाये जाने की जरूरत है जो किराये के साथ ही सभी आवश्यक बातों पर ध्यान दे सके।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेल दुनिया का सबसे बड़ा एकल रेल नेटवर्क है लेकिन अब निजी ट्रेनों के परिचालन के माध्यम से इसका निजीकरण शुरू किया गया है। निजी ट्रेनों का परिचालन करने वालों को भी सरकार ही वेतन भत्ता देगी जबकि परिचालन करने वाले इसका ऊंचा किराया तय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र का ट्रेन अमीरों के लिए और सरकारी ट्रेन गरीबों के लिए हो जाये क्योंकि निजी ट्रेनों का किराया बहुत अधिक है। इन ट्रेनों के परिचालन के लिए नियामक बनाये जाने की जरूरत है जो किराये के साथ ही सभी आवश्यक बातों पर ध्यान दे सके।