टै्फिक अमले का पूरा फोकस बाइक सवारों पर, अब तक वसूले 7.65 लाख रूपए

ऑटो, चार पहिया वाहन चालकों पर नाममात्र की कार्यवाही 

रायपुर। राजधानी का यातायात अमला इन दिनों हेलमेट और यातायात नियमों के उल्लंघन मामले में जमकर चालानी कार्यवाही कर रहा है। खासकर यातायात अमले का आसान निशाना होते हैं बाइक सवार। हेलमेट, सिग्नल जंप और यातायात नियमों का हवाला देकर टै्रफिक अमला रोजाना अपना टॉरगेट पूरा कर रहा है।
यातायात विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो यातायात नियमों की अव्हेलना करने वाले 1900 वाहन चालकों से अब  तक 7 लाख 65 हजार रूपए की चालानी वसूली हो चुकी है। इस दौरान 96 वाहन चालकों को जो शराब सेवन कर वाहन चलाते पाए गए उनका चालान न्यायालय में पेश किया गया, जहां अब तक 64 वाहन चालको से 6 लाख 40 हजार का अर्थदंड वसूला गया है। प्रत्येक वाहन चालक जो शराब के सेवन पाए गए सभी का चालान न्यायालय पेश किया गया जहां न्यायालय द्वारा सभी वाहन चालकों को 10 हजार का अर्थदंड दिया गया।
इधर  अब राजधानीवासी यातायात पुलिस की चालानी कार्यवाही से उकता गए हैं। आम नागरिकों ने यातायात विभाग के अफसरों से ही पूछा है कि यातायात नियमों का पालन करने के लिए क्या केवल बाइक सवार ही बाध्य हैं। यह नियम ऑटो चालकों, चार पहिया वाहन चालकों, बस चालकों या अन्य वाहन चालकों पर लागू होता है या नहीं? राजधानी में चल रहे विशेष अभियान में केवल बाइक सवारों को ही टॉरगेट किया जाता है। ऑटो चालक क्षमता से अधिक सवारी बिठाकर तथा सिग्नल जंप कर निकल जाते हैं, लेकिन यातायात का अमला केवल समझाईश देकर उन्हें छोड़ देते हैं। सड़क के किनारे कहीं भी ऑटो खड़ी करने की छूट केवल इन्हीं को मिलती है। यही नहीं चौक-चौराहों पर बेतरतीब  ढंग से खड़े रहने वाले ऑटो चालकों पर यातायात का अमला केवल खानापूर्ति करने के लिए ही कार्यवाही करता है। शहर में बेलगाम और खूनी रफ्तार से कार दौड़ाने वाले वाहन चालकों पर भी यदाकदा ही कार्यवाही होती है। भले ही चार पहिया वाहन चालक सेलबेल्ट लगाए या न लगाएं, कार में बैठकर ईयर फोन का उपयोग अथवा मोबाइल का खुलेआम उपयोग करने और प्रमुख चौराहों पर सिग्रल जंप, जेब्रा क्रासिंग क्रास कर कार खड़ी करने वाले वाहन चालकों पर नाममात्र की कार्यवाही होती है। 

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