मनिला। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने के मद्देनजर इससे निपटने में मदद के उद्देश्य से अपने विकासशील सदस्य देशों के लिए 6.5 अरब डॉलर की शुरूआती पैकेज की घोषणा की है। एडीबी ने बुधवार को यहां यह घोषणा करते हुये कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने निपटने के लिए यह पैकेज दी जायेगी। उसने कहा कि यह महामारी बहुत बड़ी वैश्विक संकट बन गयी है। इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर त्वरित कार्रवाई करने की जरूरत है।
एडीबी के अध्यक्ष एम असाकावा ने कहा कि विकासशील सदस्य देशों के साथ मिलकर एडीबी इस महामारी से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई की योजनायें बना रहा है ताकि गरीब, उपेक्षित और इसके चपेट में आने वाली आबादी को बचाया जा सके और अर्थव्यवस्था को सुचारू तरीके से पटरी पर लाने के उपाय किये जा सके। उन्होंने कहा कि सदस्य देशों और प्रमुख संस्थानों के साथ विचार विमर्श करने के बाद 6.5 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा की गयी है ताकि सदस्य देश अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा कर सके। उन्होंने कहा कि एडीबी आगे भी वित्तीय मदद के लिए तैयार है और जरूरत पडऩे पर अधिक राशि के पैकेज घोषित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इस पैकेज में से 3.6 अरब डॉलर स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले प्रभावों से निटपटने के लिए और 1.6अरब डॉलर का पैकेज एमएसएमई के लिए है। इसके अतिरिक्त एक अरब डॉलर की राशि वर्तमान जारी परियोजनाओं से प्राप्त की जायेगी। इसके साथ ही चार करोड़ डॉलर तकनीकी सहायता के लिए भी उपलब्ध होगा।
एडीबी के अध्यक्ष एम असाकावा ने कहा कि विकासशील सदस्य देशों के साथ मिलकर एडीबी इस महामारी से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई की योजनायें बना रहा है ताकि गरीब, उपेक्षित और इसके चपेट में आने वाली आबादी को बचाया जा सके और अर्थव्यवस्था को सुचारू तरीके से पटरी पर लाने के उपाय किये जा सके। उन्होंने कहा कि सदस्य देशों और प्रमुख संस्थानों के साथ विचार विमर्श करने के बाद 6.5 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा की गयी है ताकि सदस्य देश अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा कर सके। उन्होंने कहा कि एडीबी आगे भी वित्तीय मदद के लिए तैयार है और जरूरत पडऩे पर अधिक राशि के पैकेज घोषित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इस पैकेज में से 3.6 अरब डॉलर स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले प्रभावों से निटपटने के लिए और 1.6अरब डॉलर का पैकेज एमएसएमई के लिए है। इसके अतिरिक्त एक अरब डॉलर की राशि वर्तमान जारी परियोजनाओं से प्राप्त की जायेगी। इसके साथ ही चार करोड़ डॉलर तकनीकी सहायता के लिए भी उपलब्ध होगा।
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