जैव संवर्धित फसलों का मूल्य अधिक हो : सिंह

नई दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक अशोक कुमार सिंह ने गुरुवार को कहा कि जैव संवर्धित कृषि उत्पादों से देश में कुपोषण की समस्या का समाधान किया जा सकता है लेकिन ऐसी फसलों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिये उसका समर्थन मूल्य अन्य फसलों से अधिक किया जाना चाहिये । डा सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फसलों में प्रोटीन , आयरन , जिंक और विटामिन की मात्रा को बढाया गया है और कई फसलों में इनकी मात्रा बढाने का प्रयास चल रहा है । उन्होंने कहा कि किसान बायो फोर्टिफायड किस्मों की अधिक से अधिक खेती करें इसके लिये उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिये । ऐसी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य अन्य फसलों से अधिक निर्धारित कर किया जा सकता है । संस्थान अपनी ओर से किसानों को जैव संवर्धित फसलों की खेती अधिक क्षेत्रों में करने का प्रयास कर रहा है लेकिन सरकार की ओर से इस दिश में कोंई पहल होती है तो इन फसलों की खेती के क्षेत्र में भारी वृद्धि हो सकती है । उन्होंने कहा कि आयरन और जिंक की कमी को पूरा करने के लिए लोग चार से छह रुपये की दवा की टिकिया खाते हैं लेकिन उनके भोजन में ही इसकी भरपाई कर दी जाये तो इस पर बहुत कम लागत आयेगी । डा सिंह ने कहा कि संस्थान की ओर से सोयाबीन में प्राकृतिक रुप से विटामिन ई और ए बढाने का प्रयोग चल रहा है जिसके अच्छे परिणाम जल्दी ही सामने आने वाले हैं । वैज्ञानिक सिंथेटिक माध्यम से फसलों में विटामिन और दूसरे तत्वों की मात्रा बढाते हैं । सिंथेटिक का विदेश से आयात किया जाता है जिस पर विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ती है ।

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