वॉशिंगटन/बगदाद। ईरान द्वारा इराक में अमेरिकी के कम से कम दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। हालांकि इस हमले में अमेरिकी सेना को किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं है। पेंटागन ने ईरान के हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिका और गठबंधन सेना के ठिकानों पर 1 दर्जन मिसाइलों से हमला किया गया है।
अमेरिका द्वारा ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के मारने के बाद से ही दोनों देशों में तनातनी चल रही है। तेहरान के इस हमले के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। उधर, वॉशिंगटन ने कहा है कि वह मामले पर करीबी नजर रखे हुए है। क्षेत्र में तनाव की स्थिति को देखते हुए नाटो अपने कर्मचारियों को इराक से निकाल रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इराक में नागरिकों विमानों की उड़ान रोक दी गई है।
बुधवार को ईरानी रिवॉलूशनरी गार्ड कमाडंर ने सरकारी मीडिया से कहा, 'इराक में यूएस के एयरबेस पर ईरानी मिसाइलों का हमला पहला कदम है। तेहरान अमेरिकी सेना को नहीं बख्शेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को अब यहां से अपनी सेनाओं को हटाना ही होगा या फिर हमारी पहुंच से दूर करना होगा।
अमेरिका द्वारा ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के मारने के बाद से ही दोनों देशों में तनातनी चल रही है। तेहरान के इस हमले के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। उधर, वॉशिंगटन ने कहा है कि वह मामले पर करीबी नजर रखे हुए है। क्षेत्र में तनाव की स्थिति को देखते हुए नाटो अपने कर्मचारियों को इराक से निकाल रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इराक में नागरिकों विमानों की उड़ान रोक दी गई है।
बुधवार को ईरानी रिवॉलूशनरी गार्ड कमाडंर ने सरकारी मीडिया से कहा, 'इराक में यूएस के एयरबेस पर ईरानी मिसाइलों का हमला पहला कदम है। तेहरान अमेरिकी सेना को नहीं बख्शेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को अब यहां से अपनी सेनाओं को हटाना ही होगा या फिर हमारी पहुंच से दूर करना होगा।
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