मुख्य सचिव की वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग : शासन की प्राथमिकता वाले कार्यो में तेजी लाने के निर्देश

रायपुर। मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल ने मंत्रालय महानदी भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला विपणन अधिकारियों, नगरीय निकायों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और खाद्य अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के शपथ, प्रथम सम्मेलन, मेयर का चयन, धान खरीदी और कस्टम मिलिंग, माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशों का पालन, बस्तर संभाग में मलेरिया उन्मूलन अभियान सहित अन्य बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई और प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से कलेक्टर और नगरीय निकायों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा है कि शीतलहर और ठंड से बचाव के लिए रात के समय आमजन को राहत दिलाने अलाव जलाना प्रारंभ करें। शहरों में चल रहें रैन बसेरा और नाईट सेल्टर में कम्बल सहित अन्य गरम कपड़ों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सामुदायिक भवनों को भी रात के समय सुरक्षित तरीके से यात्रियों के लिए उपयोग किया जाए। रेल्वे स्टेशन, बस स्टेंड जैसे सार्वजनिक स्थान जहां रात में भी लोगों का आना जाना लगा रहता है वहां भी अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए है। मण्डल ने सभी शहरी क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था नियमित रूप से जारी रखने और लोक सेवा गारंटी अधिनियम का क्रियान्वयन गंभीरता पूर्वक करने के निर्देश भी दिए है। राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य के सड़कों के किनारे के गांवों और वन क्षेत्रों में गौठानों के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यो की समीक्षा करते हुए मण्डल ने कहा कि धान कटाई का कार्य समाप्ति की ओर है। सभी गौठानों से लगे गांवों में पैरा-दान की प्रक्रिया गौठान समिति और जनभागीदारी से शुरू कर दी जाए। गौठान के पास ही दान में मिल रहे पैरा का संग्रहण किया जाए और इसे पशुओं एवं अन्य दुर्घटनाओं से बचाकर रखा जाए। आगामी 20 दिनों के भीतर राज्यों के सभी गौठानों में अधिक से अधिक मात्रा में पैरावट का संग्रहण सुनिश्चित किया जाए। जिसका इस्तेमाल गौठान में रह रहे पशुओं के चारे के रूप में किया जा सके। गौठानों को बहुउद्देशीय आर्थिक गतिविधियों के लिए केन्द्र के रूप में विकसित किया जाए। जहां स्थानीय स्वसहायता समूहों के माध्यम से विभिन्न आर्थिक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। मण्डल ने सभी गौठानों में महिला एवं पुरूषों के लिए शौचालय का निर्माण करने के निर्देश दिए है।
नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के शपथ-प्रथम सम्मेलन के विषय में जानकारी देते हुए मण्डल ने बताया कि निर्धारित समयावधि में नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथग्रहण कराया जाना है। शपथग्रहण के साथ ही उनका कार्यकाल प्रारंभ माना जाएगा। शपथग्रहण करने के पश्चात ही पार्षद मेयर के चयन प्रक्रिया के लिए पात्र होंगे। इसके संबंध में नगरीय निकाय निर्वाचन की तरफ से विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए है। उसके अनुसार ही कार्य किया जाना है। मण्डल ने बताया कि बस्तर संभाग को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए 15 जनवरी से 14 फरवरी 2020 तक एक माह सघन अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर के हर घर, आश्रम छात्रावास, पैरामीलेट्री कैम्प आदि में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सर्वे किया जाएगा, प्रत्येक सदस्य के रक्त की जांच की जाएगी और मलेरिया पाए जाने पर तत्काल उसका ईलाज शुरू किया जाएगा। मच्छरों के पनपने की जगहों का नियमित साफ-सफाई किया जाएगा और दवाई का छिड़काव किया जाएगा। इस कार्य के लिए 1720 दल का गठन किया जाएगा। उन्होंने मलेरिया के कारण होने वाले मृत्यु को गंभीरता से लेने और इस अभियान को जन अभियान के रूप में विस्तारित करने के निर्देश दिए है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों सहित राज्य भर के सभी नागरिकों से अपील किया है कि मच्छरों के द्वारा फैलने वाले संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें और अपने आस-पास सफाई रखें।
माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा दिए गए निर्देशों का क्रियान्वयन और उसका पालन प्रतिवेदन गंभीरता पूर्वक विभाग में प्रस्तुत करने के निर्देश मण्डल ने दिए है। नदियों के किनारे के अतिक्रमण हटाने और वहां पौध रोपण करने के निर्देश भी उन्होंने दिए है। खरीफ वर्ष 2019-20 में धान खरीदी की समीक्षा करते हुए उन्होंने पूरे सजगता के साथ प्रक्रिया की निगरानी के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि धान खरीदी केन्द्रों में धान के बोरों के रख-रखाव, बारदानों की उपलब्धता, छोटे और मध्यम किसानों से धान की खरीदी, बारिश से धान का बचाव पर विशेष ध्यान रखा जाए। ऐसे किसान जिनकी पंजीकृत रकबे की सम्पूर्ण धान की खरीदी हो चुकी है। उनकी एंट्री कर ली जाए ताकि उन किसानों का उपयोग अवैध धान की बिक्री के लिए न किया जा सके। धान की मिलिंग के लिए मिलरों के द्वारा बैंक गारेंटी जिलें में जमा की जाती है। कुछ जिलों में बैंक गारेंटी जमा न होने की जानकारी मिलने पर मण्डल ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है बैंक गारेंटी के बिना मिलिंग के लिए धान का उठाव किया जाना अपराध की श्रेणी में आता है। अत: सभी जिला कलेक्टर मिलरों की बैठक बुलाकर उनसे मिलिंग के लिए बैंक गारेंटी प्राप्त करें। इस अवसर पर प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास सुब्रत साहू, सचिव नगरीय प्रशासन श्रीमती मंगई डी., सचिव खाद्य डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव आवास एवं पर्यावरण सुश्री पी.संगीता, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला उपस्थित थे।

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