एफएटीएफ ने दिया 'रेड सिग्नल तो कंगाल हो जाएगा पाकिस्तान, गले पर लटक रही तलवार

इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने आशंका जताई है कि अगर एफएटीएफ ने पाकिस्तान को काली सूची में डाला तो देश में धन का प्रवाह प्रभावित हो सकता है। पाकिस्तान पहले ही अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत से जूझ रहा है। इससे उबरने के लिए उसने आइएमएफ के अलावा सऊदी अरब और चीन से बड़ा कर्ज ले रखा है। आइएमएफ ने कहा है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के सख्त कदम से आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान की स्थिति और डांवाडोल हो सकती है। दुनियाभर में आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग के मामलों पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने फरवरी, 2020 तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल रखा है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर उसने 27 सवालों की सूची में से शेष 22 बिंदुओं का पालन नहीं किया तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा। पाक ने छह दिसंबर को 22 सवालों के जवाब के साथ एक अनुपालन रिपोर्ट एफएटीएफ को दी थी। आइएमएफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है, एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को काली सूची में डालने से न केवल पूंजी का प्रवाह प्रभावित होगा बल्कि देश में होने वाले निवेश में भी कमी आएगी। पाकिस्तान में आइएमएफ के कार्यक्रम के समक्ष घरेलू और बाहरी दोनों ही तरह के खतरे हैं। मनी लांड्रिंग मामले पर एफएटीएफ के एशिया-प्रशांत क्षेत्र समूह ने भी पाकिस्तान की मूल्यांकन रिपोर्ट पर चर्चा की है। उसका मानना है कि खतरों के मद्देनजर पाकिस्तान द्वारा आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग पर रोक लगाने के लिए किए जा रहे उपाय नाकाफी हैं।

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